नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण का लगातार बढ़ता हुआ स्तर गंभीर चिंता का कारण बन गया है लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बढ़ गया है। दिल्ली क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण ने शाम 4:00 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को450 के पार पहुंच गया। दिल्ली के लोग काफी चिंतित हैं। कई इलाकों में AQI 800 तक पहुंच गया है। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार ठंड बढ़ने पर शायद उतनी परेशानी नहीं होगी जितनी पिछले कुछ साल से हो रही थी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और जाड़े के शुरुआती दिनों में ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक अंक की ओर बढ़ गया है। प्रदूषण ने लोगों में सांस संबंधी परेशानियों को बढ़ा दिया है।
आंखों में होने लगी है जलन
दीपावाली के सीजन में वायुमंडल के अधिकांश क्षेत्र अब रेड जोन में आ चुके हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर गंभीर रूप से बढ़ गया है। दिल्ली क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में AQI (Air Quality Index) 800 के पार हो गया है। इसके बदले, लोग अब अपने घरों में भी सांस लेने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और आंखों में जलन का अहसास कर रहे हैं।
दिल्ली के सभी इलाके रेड जोन घोषित
दीपावाली के अब लगभग 9 दिन बचे हैं। दिल्ली-एनसीआर का वायुमंडल बहुत खराब हो चुका है। सभी इलाकों को रेड जोन में शामिल कर दिया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने लोगों के लिए न केवल बाहर ही बल्कि अपने घरों के अंदर भी खतरा पैदा किया है। वायुमंडल में AQI के बढ़ते आंकड़े ने लोगों के लिए खतरनाक असर डाला है।
किस क्षेत्र में क्या रहा Air Quality Index
दिल्ली में AQI के बढ़ते आंकड़े अवांछनीय हो रहे हैं। सुबह के समय, लोधी रोड का AQI 500 के पार हो गया और अब तक कई इलाकों में AQI 800 के पार हो चुका है। दिल्ली के आनंद विहार का AQI आज सुबह करीब 10 बजे 865 दर्ज किया गया है, जिसका मतलब है कि वहां की वायु गुणवत्ता बेहद खतरनाक है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने की बैठक
इस स्थिति के सामने, स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण निगमों ने लोगों को बढ़ते प्रदूषण की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाने की बात की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायुमंडल की गति बेहद कम हो गई है और तापमान भी कम हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वायुमंडल की AQI के आंकड़े गंभीर चिंता का कारण बन गए हैं, और प्रदूषण कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है। दिल्ली के स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण निगम ने इस स्थिति को गंभीरता से देख रहे हैं और लोगों को जागरूक करने और प्रदूषण कम करने के उपायों पर विचार कर रहे हैं।
अस्पताल के ओपीडी में सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ी
वर्तमान में, दिल्ली क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीरता बढ़ती जा रही है और यह स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहा है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे वर्ग हैं, जैसे कि बच्चे, बूढ़े, और बीमार व्यक्ति। प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने अस्पतालों में सांस संबंधी रोगों के मरीजों की संख्या को भी बढ़ा दिया है। दिल्ली के डॉक्टर्स का कहना है कि अब अस्पताल की ओपीडी में सांस संबंधी रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोग सूखी खांसी, आंखों में जलन, सांस संबंधी रोग, अस्थमा, और आंखों से पानी आने जैसे रोगों से पीड़ित हो रहे हैं।
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