नई दिल्ली : China Taiwan War: ताइवान में नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के अभी एक सप्ताह भी पूरे नहीं हुए कि चीन ने जंग की धमकी दे दी है। इससे ताइवान में खलबली मची हुई है। वहीं, दोनों देशों के बीच रिश्ते भी लगातार बिगड़ रहे हैं। ऐसे में खतरा बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, ताइवान में इसी साल राष्ट्रपति के चुनाव हुए हैं। इसमें चीन के विरोधी नेता विलियम लाई चिंग ते को जीत हासिल हुई है, जिससे चीन चिढ़ा हुआ है। चीन ने चुनाव से पूर्व ही ताइवान को चेतावनी दी थी कि अगर वहां की जनता ने सही विकल्प नहीं चुना, तो फिर चीन कार्रवाई करेगा। अब चीन ने यहां के लोगों को सजा देने की धमकी दी है।
China Taiwan War: 20 मई को हुआ नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह
ताइवान में नए राष्ट्रपति विलियम लाई चिंग ते का शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को आयोजित किया गया था। उसके दो दिन बाद ही चीन ने अपनी मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी। इसमें चीन की तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) शामिल हुई थीं। इस दौरान चीन की सेना ने कसम खाई थी कि वह ताइवान में आजादी की मांग करने वालों का खून बहा देंगे।
China Taiwan War: चीन के रक्षा मंत्री के प्रवक्ता ने क्या कहा
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा है कि जब तक ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बन जाता, इलाके में मिलिट्री एक्शन जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि विलियम लाई चिंग ते वन-चाइना पॉलिसी के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। वे ताइवान के लोगों को जंग और तबाही की तरफ धकेल रहे हैं।
China Taiwan War: इस कारण से गुस्से में है चीन
चीन का गुस्सा होने का मुख्य कारण चीन विरोधी नेता विलियम लाई चिंग ते की जीत है। चूंकि, चीन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर वहां की जनता ने सही विकल्प नहीं चुना तो उन्हें इसकी सजा दी जाएगी। 23 व 24 मई को हुई चीन की मिलिट्री ड्रिल को ‘ज्वाइंट स्वॉर्ड-2024A’ नाम दिया गया था। इसके तहत चीन के करीब 111 एयरक्राफ्ट और नौसेना के दर्जनों जहाजों ने ताइवान पर कब्जे की प्रैक्टिस की थी। इस दौरान उन्होंने ताइवान के उन हिस्सों पर हमले की भी तैयारी की थी, जहां से ताइवान चीन को रोकने की कोशिश कर सकता है।
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