नई दिल्ली/Canada’s claim on India: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल कनाडा में हुई हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पुलिस के अनुसार ये तीनों कथित हिट स्क्वॉड के सदस्य हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और करण बराड़ बताया जा रहा है। इन सभी के गैंगस्टर लॉरेस बिश्नोई गैंग से ताल्लुक रखने का भी दावा किया जा रहा है।
वहीं, ये तीनों जिस ग्रुप के सदस्य हैं, वह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और कई अन्य गैंगस्टरों के प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और कई अन्य खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रखते हैं।
Canada’s claim on India: कनाडा के प्रधानमंत्री ने लगाया भारत पर आरोप
कनाडा सरकार का आरोप है कि इन गिरफ्तारियों से ऐसा लगता है कि निज्जर की हत्या खालिस्तानियों के बीच अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता के कारण हुई है। इसमें भारत सरकार की कोई भूमिका है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि इस हत्या के पीछे भारत का हाथ है। इसको लेकर भारत ने कनाडा की सरकार से सुबूत भी मांगा था। हालांकि जस्टिन ट्रूडो कोई भी सुबूत देने में अब तक नाकाम रहे हैं।
Canada’s claim on India: कनाडा पुलिस ने कल 3 लोगों को किया गिरफ्तार
कनाडा पुलिस के अनुसार, दो अलग-अलग प्रांतों से पुलिस ने शुक्रवार यानी कल 3 मई को एक अभियान चलाकर इन तीनों को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने कुछ महीने पहले कनाडा में कथित हिट दस्ते के सदस्यों की पहचान की थी और उन पर कड़ी निगरानी रख रही थी।
वहीं, कनाडा पुलिस के अनुसार हिट स्क्वॉड के सदस्य कम से कम तीन अन्य हत्या के मामलों में शामिल हो सकते हैं। इनमें से एक एडमॉन्टन में 11 वर्षीय लड़के की गोली मारकर हत्या भी शामिल है। अदालत में पुलिस द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और साजिश के आरोप लगाए गए हैं।
कनाडा की मीडिया में कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपित भारतीय नागरिक हैं। ये सभी साल 2021 के बाद कनाडा गए थे। उनमें से कुछ ने छात्र वीजा का इस्तेमाल किया था। हालांकि, कनाडा पहुंचने के बाद इनमें से किसी ने भी किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला नहीं लिया और इनमें से किसी ने भी स्थायी निवास प्राप्त नहीं किया।
Read also:- ट्रंप बोले- मैं राष्ट्रपति बना तो अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाल दूंगा