नई दिल्ली/CAA IMPLIMENTED : नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियम-2024 सोमवार को लागू कर दिया गया, लेकिन अब इसे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने चुनौती दी है। लीग यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है कि इस कानून से कुछ ही धर्म को फायदा होगा।
CAA IMPLIMENTED : सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
मुस्लिम लीग ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर दी है। याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के विवादित प्रावधानों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस प्रावधान से केवल कुछ धर्मों को फायदा होगा। याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के विवादित प्रावधानों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है।
अब बन सकती है यह स्थिति
याचिका में कहा गया है कि अधिनियम और नियमों के परिणामस्वरूप मूल्यवान अधिकार सृजित होंगे और केवल कुछ धर्मों से संबंधित व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिस कारण वर्तमान रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान असामान्य स्थिति बन सकती है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून
चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करके सभी को चौंका दिया है। नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगालादेश से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी। ऐसी दशा में जब दूसरे मुस्लिम बहुल देशों में वहां के गैर मुस्लिमों को धर्म के आधार पर यदि प्रताड़ना सहनी पड़ती है, तब वे उसी देश में रहने के लिए बाध्य नहीं होंगे। भारत अब उन्हें शरण देगा और साथ ही नागरिकता भी प्रदान करेगा।
कौन होंगे पात्र
31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए जितने भी शरणार्थी, जो की गैर मुस्लिम है हिंदू, सिख, इसाई, जैन, बौद्ध, पारसी, सभी समुदायों के लोग भारत के नागरिक होने के लिए पात्र होंगे।
READ ALSO : पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी, हेमंत सरकार को फिर से बहाल करने की मांग