नई दिल्ली/ Atul Anjan passes away: सीपीआई के नेता अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार सुबह 69 साल की उम्र में निधन हो गया है। लखनऊ के मेयो अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बताया जाता है कि वह कैंसर से पीड़ित थे। अतुल अंजान ने 1977 में लखनऊ विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति में कदम रखा था। वह आगे चलकर लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए।
वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय में अंजान ने चार बार छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव भी जीता था। उन्हें वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था। अंजान घोसी से 4 बार सांसद प्रत्याशी रहे, लेकिन उन्हें हमेशा यहां से निराशा हाथ लगी। एक बार भी वो चुनाव नहीं जीत पाए। अंजान सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव थे। वहीं, आज सुबह उन्होंने लखनऊ में अंतिम सांस ली।
Atul Anjan passes away: अंजान के पिता थे स्वतंत्रता सेनानी
अतुल कुमार अंजान के पिता डॉ. एपी सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। इसके अलावा उनके पित हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ भी जुड़े थे। अतुल कुमार अंजान का नाम लेफ्ट के बड़े नेताओं की लिस्ट में शुमार था। अतुल कुमार शुरू से ही कमजोर वर्ग की आवाज उठाते रहे। अतुल कुमार अंजान अपने आंदोलनों की वजह से जेल भी गए। अतुल कुमार अंजान को जमीन से जुड़ा नेता कहा जाता था। हालांकि कैंसर से लड़ाई की जंग में वह हार गए और लखनऊ के अस्पताल में उनका निधन हो गया।
अतुल कुमार अंजान थे कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर नेता
अतुल कुमार अंजान कम्युनिस्ट पार्टी के कद्दावर नेता थे। इसके साथ ही वह सीपीआई के नेशनल सेक्रेटरी थे। कॉलेज के समय से ही उनकी रुचि राजनीति में थी। मात्र 20 साल की उम्र में ही वह नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके अलावा वह चार बार लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए। शुरुआत से ही वह कम्युनिस्ट विचारधारा के साथ जुड़े रहे, जिसके साथ वह आखिरी सांस तक जुड़े रहे। अतुल कुमार अंजान ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा। उन्होंने कई बार यूपी की घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा।
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