नई दिल्ली/Swimming Camel: राजस्थान में पाए जाते हैं, और इन्हें रेत में बहुत तेजी से चलने के कारण रेगिस्तान का जहाज भी कहा जाता है। लेकिन हम आपको ऊंटों की एक ऐसी प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद आपने नहीं सुना होगा। यह प्रजाति इतनी खास होती है कि इसे देखने के लिए न सिर्फ भारत, बल्कि विश्वभर से लोग आते हैं। अब इस प्रजाति को लेकर आपके मन में कई तरह के सवाल उठते होंगे? तो आइए इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं।
Swimming Camel: इस नाम से जाना जाता है यह प्रजाति
दरअसल, इस प्रजाति को ‘खाराई’ नाम से जाना जाता है। इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। इसलिए नाम सुनते ही इसके बारे में जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है। ऊंटों की खाराई प्रजाति गुजरात के कच्छ में पाई जाती है।
Swimming Camel: समुद्र में भी लंबी यात्रा करती है ये प्रजाति
समुद्र में तैरकर लंबी यात्रा करने का हुनर रखने वाली इस प्रजाति का प्रमुख भोजन चेर है। अब आपके मन में सवाल आता होगा कि ये चेर क्या होता है? तो आइए इसके बारे में बताते हैं। दरअसल, चेर एक पौधा होता है, जिसे खाराई प्रजाति के ऊंट बहुत पसंद करते हैं। इसे खाने के लिए यह कई किलोमीटर दूर तक भी तैर कर समुद्र का रास्ता पार करते हैं। खाराई प्रजाति के ऊंट का मुख्य भोजन समुद्र में पाई जाने वाली वनस्पतियां हैं।
Swimming Camel: ऊंटनी का दूध करता गंभीर बीमारियों को दूर
इस क्षेत्र में ऊंटनी के दूध का प्रयोग किया जाता है। इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इससे कई खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं और स्थानीय निवासी इस दूध का सेवन करते हैं। ऐसा माना जाता है, कि ऊंटनी के दूध का सेवन डायबिटीज, मिर्गी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी दूर रखता है।
Swimming Camel: खाराई नाम कैसे पड़ा
खारे समुद्र में तैरने के कारण स्थानीय भाषा में इस प्रजाति को खाराई नाम दिया गया। खाराई का नाम खारा शब्द से पड़ा है।
Read also:- सिंहभूम चैंबर के होली मिलन में पहुंचे शहर के गणमान्य, रंगारंग कार्यक्रम का उठाया आनंद