नाई दिल्ली : Security Of Parliament House : लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाली देश की संसद की सुरक्षा को लेकर अहम फैसला लिया गया है। दरअसल संसद की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सीआरपीएफ को हटा कर अब पूरी सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सीआईएसएफ के हाथों में दे दिया गया है।
इस फैसले के मुताबिक सरकार ने पुराने और नए संसद भवनों के साथ संबंधित संरचनाओं की सुरक्षा के लिए 3,317 सीआईएसएफ कर्मियों को शामिल किया है। 1400 सीआरपीएफ कर्मचारियों की जगह अब 3,300 से ज्यादा सीआईएसएफ कर्मी संसद की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। इस कड़ी में सीआईएसएफ कई टीमें सोमवार सुबह संसद परिसर में दाखिल हुईं।
वहीं, देखने वाली बात है कि पिछले साल 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली थी। इसके साथ ही देश के प्रमुख स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही सीआईएसएफ के हाथों में है। ऐसे में अब सीआईएसएफ एक और महत्वपूर्ण इमारत की हिफाजत करती नजर आएगी।
Security Of Parliament House : संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी
पिछले साल 13 दिसंबर को संसद भवन की सुरक्षा में सेंधमारी हुई थी। लोकसभा में दो लोग विजिटर्स गैलरी से कूद गए थे और पीले रंग का स्प्रे छिड़क दिया था। इस मामले में सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी, विशाल शर्मा और ललित झा को आरोपी बनाया गया है।
सागर शर्मा और मनोरंजन डी. ने लोकसभा चैंबर में कूदकर पीले रंग का धुआं छोड़कर नारेबाजी की थी। उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम देवी ने तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाकर वहीं पीले रंग का धुआं छोड़ा था। फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।
सीआईएसएफ के 3317 जवान संसद की आतंकियों और किसी भी तरह के हमलावरों से रक्षा करेंगे। पिछले 10 दिन से सीआईएसएफ के जवान ट्रेनिंग ले रहे थे। इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स के ब्लैककैट कमांडों के साथ भी ट्रेनिंग दिलाई गई है। सीआईएसएफ जवानों को एंट्री गेट पर लोगों की चेकिंग, सामान की चेकिंग, बम का पता लगाने और डिफ्यूज करने, आतंकी हमले पर क्विक एक्शन, स्नाइपर टास्क और पब्लिक इंटरैक्शन की ट्रेनिंग दी गई है।