वाराणसी: पीएचडी (PHD) तो वैसे हर साल कई करते हैं लेकिन नजमा परवीन (Najma Parveen) की पीएचडी इन दिनों चर्चा में हैं। इसकी मुख्य वजह उनके पीएचडी(PHD)का विषय है । नजमा परवीन ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपनी डॉक्टरेट की शिक्षा पूर्ण की है। पीएम मोदी पर पीएचडी पूर्ण करने वाली वह भारत की पहली मुस्लिम महिला है। नजमा बताती हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संपूर्ण जीवन हमें बेहद प्रभावित करने वाला लगा।
इसके अलावा वह बीते 70 से 75 सालों में एक ऐसे राजनेता लगे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित किया। उन पर कई आरोप लगे, एक विशेष धर्म के लोगों के खिलाफ होने का भी उन पर आरोप लगाया गया लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए बिना भेदभाव के सभी वर्ग जाति और धर्म के लोगों का विकास किया। उनकी इन्हीं खूबियों ने मुझे विषय के रूप में उन्हें चुनने को मजबूर किया।
7 साल में पूरा हुआ शोध:
नजमा ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनाव था और उसमें नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बने थे। इस दौरान ही मैनें उनके बारे में अधिक से अधिक जाना। ऐसे में मैने अपना शोध अध्ययन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2014 में शुरू किया था। राजनीतिक विज्ञान विषय के अंतर्गत हमारा टॉपिक ‘नरेंद्र मोदी का राजनीतिक नेतृत्व – एक विश्लेषणात्मक अध्ययन (2014 के लोकसभा में चुनाव के विशेष संदर्भ में )’ था , जिसे 2014 में शुरू करके 1 नवंबर 2023 को पूरा किया यानी करीब सात साल में उनका यह शोध कार्य काशी हिंदू विश्वविद्यालय से प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव के निर्देशन में पूरा हुआ।
पांच मुख्य विषय थे:
नजमा परवीन बताती हैं कि उनके शोष के मुख्य विषय के अंतर्ग कुल पांच अध्याय हैं। इसमें कांग्रेस की सत्ता और वंशवाद से मुक्ति, प्रधानमंत्री मोदी का राजनीतिक जीवन, गुजरात में उनका बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य, विपक्ष द्वारा आरोप और आलोचनाओं का दौर, जनता और मीडिया का सहयोग। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी के प्रति मुस्लिम समाज का नजरिया भी शामिल है।