नई दिल्ली : Monsoon Reach Kerala: देश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है, लेकिन मानसून की बारिश जल्द होने वाली है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के मुताबिक, मानसून इस साल समय से पहले दस्तक देने वाला है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई तक केरल पहुंच जाने की उम्मीद है। आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक, 19 मई को मानसून के अंडमान निकोबार में पहुंचने की संभावना है। उसके बाद मानसून देश के अन्य हिस्सों की तरफ बढ़ेग।
अगर मौसम विभाग की मानें तो, देश में अल नीनो सिस्टम कमजोर हो रहा है। अल नीनो की स्थितियां एक्टिव हो रही हैं। ये इस साल अच्छे मानसून का संकेत है। इसी वजह से भारत में मानसून समय से पहले ही दस्तक दे सकता है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत में 16 मई से और पूर्वी भारत में 18 मई से गर्मी की लहर का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है।
Monsoon Reach Kerala: सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान
पिछले ही महीने आईएमडी ने अनुमान लगाया था कि जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होगी। जून और जुलाई कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण महीने माने जाते हैं, क्योंकि इस दौरान खरीफ फसलों की बुवाई होती है और बारिश की वजह से किसानों को सुविधा होती है।
हालांकि आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को ये भी कहा कि इस बार मानसून अपने समय के अनुसार आ रहा है। यह सामान्य तारीख के करीब है, क्योंकि केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख 1 जून है।
Monsoon Reach Kerala: इस साल सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान
पिछले महीने आईएमडी ने अनुमान लगाया था कि जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा होगी। हालाकी जून और जुलाई कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण महीने माने जाते हैं, क्योंकि इस दौरान खरीफ फसलों की बुवाई होती है।
वहीं, इस वर्ष औसत से अधिक मानसून वर्षा का अनुमान लगाया गया है, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक सुखद समाचार भी है, क्योंकि पिछले साल दिसंबर में अनियमित मौसम ने इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया था।
वहीं, भारत एक प्रमुख खाद्यान्न निर्यातक के रूप में उभरा है। हालांकि पिछले साल अनियमित मानसून के कारण कृषि उत्पादन प्रभावित हुआ था। इसके परिणाम में आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए चीनी, चावल, गेहूं और प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था। अच्छी वर्षा कृषि क्षेत्र में मजबूत मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है।
वहीं, आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने ये भी बताया कि अल नीनो, जो मानसून को बाधित करता है, कमजोर हो रहा है और मानसून आने तक गायब हो जाएगा। हालांकि ला नीना, जो भारत में अधिक वर्षा लाती है, अगस्त तक स्थापित हो जाएगा।
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