दुमका : झारखंड की उपराजधानी दुमका में मंगलवार की अल सुबह तकरीबन 3.22 बजे तेज गड़गड़ाहट के साथ भूकंप का झटका महसूस किया गया। दुमका के अलावा देवघर जिले में भी इस झटके को महसूस किया गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई। भूकंप आने का समय सुबह तीन बजकर 22 मिनट था। झारखंड के अलावा हरियाणा में भी भूकंप आने की खबर है। भूकंप का केंद्र दुमका था।
इसकी गहराई पृथ्वी के तल से पांच किलोमीटर आंकी गई। हालांकि भूकंप के इस झटके से कहीं किसी तरह की हताहत की सूचना नहीं है लेकिन भूकंप का झटका महसूस करने के बाद बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकल आए। कुछ देर तक दहशत में रहे लेकिन बाद में सबकुछ सामान्य हो गया।
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दुमका और साहिबगंज में लगातार डोल रही है धरती
संताल परगना के दुमका और साहिबगंज में भूकंप के झटके वर्ष दर वर्ष महसूस किया जा रहा है। वर्ष 2015 में दुमका समेत साहिबगंज में धरती डोली थी। 2015 से अब तक साहिबगंज में तो सात से अधिक बार झटके महसूस किए गए हैं। 24 अगस्त 2015 , चार जनवरी 2016, 15 दिसंबर 2015 12 मई 2015 , 26 अप्रैल 2015 , 25 अप्रैल 2015 में साहिबगंज में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भू-गर्भ विज्ञानियों के मुताबिक झारखंड को भूकंप के खतरे के दृष्टिकोण से जोन तीन में रखा गया है। इनके मुताबिक पूरे संताल परगना प्रमंडल में राजमहल की पहाड़ियां फैली हुई हैं। इसके फासिल्स के आधार पर प्लेट टेक्टोनिक्स की थ्योरी को स्थापित करने में मदद मिलती है। साथ ही फासिल्स की सहायता से यह बताया जा सकता है की वर्तमान की कौन-सी प्लेट्स अतीत में किस कालखंड तक एक साथ एक थीं।
वर्जन
संताल परगना के विभिन्न जिलों के अलावा साहिबगंज में भूकंप को ध्यान में रखते हुए भूकंप जोन को रि-मेपिंग कराया जाना चाहिए ताकि होने वाले भूकंप का अध्ययन कर यहां के लोगों को जागरूक व सतर्क किया जा सके। समय-समय पर आपदा प्रबंधन के द्वारा माक ड्रिल भी करनी चाहिए ताकि प्राकृतिक आपदा की जानकारी और बचाव किया जा सके। भूकंप आफ्टर शाक भी आ सकते हैं। संताल परगना के अन्य जिले में जिसमें साहिबगंज प्रमुख है क्योंकि यह राजमहल पूर्णिया फाल्ट पर बसा है तो संभावना बनी रहती है। डरने नहीं बस सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है।
डा.रणजीत कुमार सिंह, भू-विज्ञानी सह प्राचार्य माडल कालेज राजमहल साहिबगंज
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दुमका में मंगलवार को तड़के सुबह 3.22 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। यह काफी अल्प समय के लिए था। इससे किसी स्तर पर हताहत होने की गुंजाइश नहीं के बराबर थी।
अभिषेक आनंद, निदेशक, मौसम विभाग रांची
भूकंप से पहले बरतें यह सावधानी
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– अपने घर को भूकंप प्रतिरोधी बनाने के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर से परामर्श करें।
– दीवारों और छतों की दरारों की मरम्मत कराएं।
– खुले टांड़ दीवार से मजबूती से बांधे और भारी सामान निचली टांड़ों पर रखें।
– आपातकालीन किट तैयार रखें।
– अपने परिवार के साथ एक निजी आपातकालीन योजना तैयार करें।
– झुको-ढको पकड़ो की तकनीक सीखें।
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भूकंप के दौरान बरतें यह सावधानी
– घबराएं नहीं, शांत रहें।
– टेबल के नीचे जाएं, एक हाथ से अपने सिर को ढकें और भूकंप के झटके समाप्त होने तक टेबल को पकड़े रहें।
– झटके समाप्त होते ही फौरन बाहर निकलें।
– लिफ्ट का इस्तेमाल न करें।
– बाहर आने के बाद इमारतों, पेड़ों, दीवारों और खंभों से दूर रहें।
– अगर आप गाड़ी के अंदर हैं तो गाड़ी रोककर झटके समाप्त होने तक अंदर
ही रहें। पुल इत्यादि पर जाने से बचें।
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भूकंप के बाद बरतें यह सावधानी
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– क्षतिग्रस्त इमारतों में न जाएं।
– अगर मलबे में फंस गए हों तो माचिस नहीं जलाएं।
– अपने मुंह को कपड़े से ढंक कर रखें।
– दीवार या नल पर खटखटाएं और आवाज करें।
– सीटी बजाएं।
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– कोई अन्य उपाय न होने पर ही चिल्लाएं.
– सीढ़ियों का प्रयोग करें. लिफ्ट या
– एलिवेटर का इस्तेमाल न करें।
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