जमशेदपुर/Cyber Security: सीआईआई (कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) द्वारा शनिवार को साइबर सिक्यूरिटी पर कार्यशाला हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने इस अपराध के बारे में विस्तार से बताया।
बिष्टुपुर स्थित रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में इस कार्यशाला को मृणाल के़. पाल (चीफ, आईटी इंफ्रा, नेटवर्क एंड साइबर सिक्यूरिटी, टाटा स्टील) व भार्गव देव चक्रवर्ती (नेटवर्क एंड आईटी सिक्यूरिटी कंसल्टेंट, स्काईलिंक कम्यूनिकेशंस) ने मुख्य रूप से संबोधित किया।
इन्होंने बताया कि आजकल इंटरनेट से जुड़े जुर्म, जिसे हम साइबर क्राइम कहते हैं, काफी बढ़ चुका है। साइबर क्राइम एक बड़ा जुर्म है, जो इंडिया में बड़ी संख्या में लोगों के साथ होता है। इसमें लोगों को कॉल करके उनसे उनके बैंक डिटेल्स और ओटीपी मांगते हैं और किसी भी लालच में फंसा कर उनसे लाखों की ठगी कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम ज्यादातर पढ़े-लिखे लोगों के साथ होता है।
पढ़े-लिखे लोग इसलिए, क्योंकि वह उन्हें ऑनलाइन जॉब प्रोवाइड करके पैसे इन्वेस्ट करने को बोलते हैं या किसी ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करके लालच देते हैं। उनसे कहते हैं कि अगर पहले वाला विड्रॉल कराना है, तो पहले कुछ अमाउंट और पे करना होगा। फिर वह उनसे प्रोसेसिंग फी के नाम पर या यह बोलकर कि आप हमारी प्रक्रिया की तरह प्रोसेसिंग नहीं कर रहे हैं, इसलिए आपकी मनी विड्रॉल नहीं हो रही है, यह कहकर उनसे और पैसे की ठगी कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम से बचने के लिए आपको सावधानी बरतनी पड़ेगी और अगर किसी भी तरह का अननोन नंबर से कॉल आने पर अगर आपसे आपका ओटीपी या बैंक डिटेल्स मांगते हैं, तो कभी भी उनके साथ शेयर नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके ओटीपी और बैंक डिटेल्स का मिसयूज कर आपसे ठगी कर सकते हैं।
मृणाल पाल ने साइबर क्राइम का शिकार बनने से बचने के उपाय बताए। उन्होंने 16 हाइजीन फैक्टर के बारे में बात की, तो यह भी बताया कि टेक्नोलॉजी का कैसे इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने AAA (Access, Authentication, Authorigation) के बारे में जानकारी दी और साथ ही प्राइवेसी और कंप्लायंस के बारे में भी बताया मृणाल पाल ने सेक्टर स्पेसिफिक कंट्रोल्स के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें चार मेन फैक्टर होते हैं, मैन्युफैक्चरिंग, आईटी हॉस्पिटलिटी और रिटेल और सबमें मेन SPF (सेंडर पॉलिसी फ्रेमवर्क), DKIM(डोमेन key आईडेंटिफाई मैसेजिंग) और DMARC (डोमेन-बेस्ड मैसेज ऑथेंटिकेशन रिर्पोटिंग एंड कंफोर्मेंस) होते हैं।
अंत में उन्होंने इस अटैक के होने पर क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानकारी दी और बताया कि पहले तो आपको अपने इंटरनेट को बंद करना चाहिए और जिसमें क्राइम हुआ है उसे सिस्टम को बंद करके करने के साथ ही बाकी और भी सिस्टम को स्विचऑफ करना चाहिए, फिर उसके बाद आपको CERT को इन्फॉर्म करना है और अगर रैनसमवेयर अटैक हो तो आपको एंटीवायरस/EDr OEM को कांटेक्ट करना है, फिर आपको फिर से सिस्टम को वापस बनाना है अपने लास्ट बैकअप से और सारे सिस्टम को स्कैन करना है।
एक के बाद एक फिर लॉगइन करें और घटना से सीखने के साथ बंद होने तक ट्रैक करें। अंत में यदि संभव हो तो साल में एक बार छोटे पैमाने पर पूरी प्रक्रिया का मॉक ट्रिल के रूप में अभ्यास करें।
Cyber Security: अब लिंक भेज कर हो रही ठगी
वर्कशॉप में आगे बताया गया कि साइबर क्राइम अब नए तरीके से लोगों के साथ ठगी कर रहा है अब वह लिंक के साथ कनेक्ट करके आपके बैंक अकाउंट से लाखों की ठगी कर लेते हैं उन्होंने बताया कि वह आपके फोन नंबर या वाट्सएप पर लिंक भेजेंगे और आप जैसे ही उसे लिंक पर क्लिक करते हो, आपके सारे पर्सनल डिटेल्स उन तक पहुंच जाते हैं। इसलिए बताया गया कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
Cyber Security: सुबह या रात में करते हैं फोन
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम करने का भी ठगों ने एक टाइम फिक्स किया है। वह आपको या तो रात में कॉल करेंगे या बहुत सुबह में। रात को करीब एक या दो बजे जब आप नींद में रहते हैं या फिर सुबह-सुबह जब आप सो कर उठते हो। यह उनकी प्लानिंग होती है, क्योंकि उस वक्त इंसान स्टेट ऑफ माइंड में नहीं रहता, कुछ भी सोचने-समझने के लिए। इसी का फायदा उठाकर वह आपके सालों की मेहनत एक पल में उड़ा ले जाता है।
Cyber Security: ब्लैकमेल से करते ठगी
एक दूसरा मेथड है, आपके फेस को स्कैन करके आपको ब्लैकमेल भी कर सकते हैं और पैसे मांग सकते हैं। वह आपको वाट्सएप पर वीडियो कॉल करेंगे और आप जैसे ही फोन उठाते हो तो वह आपकी फोटो क्लिक कर लेते हैं। फिर उस फोटोग्राफ को क्रॉप करके पोर्नोग्राफी जैसे साइट पर इस्तेमाल करते हैं और आपको ब्लैकमेल कर पैसे लूटते हैं।
इस कार्यक्रम में सीआईआई जमशेदपुर के जोनल चेयरमैन दिल्लू पारिख, कन्वेनर सरजीत झा व को-कॉन्वेनर शिवम कमानी के अलावा डीएसपी- साइबर क्राइम विद्यासागर ने भी अपने विचार रखे।
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