रांची : रांची के कांके प्रखंड स्थित कोकदोरो गांव में अंजुमन इस्लामिया का चुनाव हो रहा है। इस अंजुमन इस्लामिया चुनाव पर पूरे गांव वालों की नज़रें टिकी है। क्योंकि इस गांव में पूरे प्रजातांत्रिक ढंग से चुनाव का आयोजन होता है। चुनाव का दिन गांव वालों के लिए महापर्व के जैसा है। चुनाव की प्रक्रिया भी नामांकन फॉर्म भरने से लेकर चुनाव चिन्ह का वितरण और मत पेटी में विधिवत मत डालने की प्रथा बन गई है। इस वजह से यहां का चुनाव बेहद रुचिकर होता है। चुनकर आने के बाद भी उम्मीदवार उत्साहित होते हैं और पूरे उत्साह के साथ अपने वादों के मुताबिक अपने निर्धारित कार्यकाल में काम भी करते हैं। इसी कड़ी में मस्जिद-ए-अली अंजुमन इस्लामिया चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है।
सदर बनकर कौम की सेवा के साथ शिक्षा का स्तर उठाना है
सदर पद के लिए सुल्तान आदिल और ईदुल अंसारी आमने-सामने हैं। हालांकि सेक्रेटरी पद पर शमीम अंसारी और फारूक अंसारी उम्मीदवार हैं। इस चुनाव में हर उम्मीदवार अपने-अपने ढंग से अपने मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में सुल्तान आदिल कहते हैं सदर पद पर चुनकर आऊंगा तो कौम की खिदमत के अलावा शिक्षा का स्तर ऊपर उठाऊंगा। इसके अलावा हर तरह की उलझन से कौम के लोगों को मुक्त करने की जिम्मेदारी उठाऊंगा। ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि छोटी-छोटी बातों में लोग थाना और कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगाते हैं। ऐसे मामलों में अंजुमन के स्तर पर ही पहल कर गांव में ही सुलझाने का काम करूंगा। मेरी कोशिश होगी कि हर तबका, हर वर्ग आपसे मिल्लत और भाईचारे के साथ रहे। इसी कड़ी में सुल्तान आदिल ने एक घोषणा पत्र भी जारी किया है।
घोषणा-पत्र में उल्लेखित बातें :
1. अव्वल तौर पर मस्जिद के हर नेजाम को दुरुस्त करना, अजान से लेकर नमाज तक।
2. दीनी शिक्षा के लिए एक बेहतरीन मकतब चलाना, जिससे हर बच्चे दीनी तालीम हासिल कर सकें।
3. मस्जिद की तामीर और बढ़ोतरी के लिए हर जरूरी कदम बढ़ाना।
4. मस्जिद में ज्यादा से ज्यादा नमाजी हों, इसके लिए दावत के काम को बढ़ावा देना और इससे जुड़कर खुद के इस्लाह और दूसरे के इस्लाह के लिए काम करना।
5. पूरे इलाके में नशाखोरी, जुआ और बुराइयों को दूर करना।
6. इलाके के घरों में चल रही हर छोटी-बड़ी एखतेलाफ को दूर कर आपसी मिल्लत और मोहब्बत कायम करना।
7. ऐसी नेजाम कायम करना, जिससे कि हर छोटे-बड़े मसलों का हल अंजुमन के मातेहत और अंजुमन के पहल पर हो। ताकि थाना और कोर्ट का चक्कर लगाने से पहले हर मसाइल का हल हो जाए।
8. दुनियावी शिक्षा में कौम आगे बढ़े इसके लिए हर महीने शिक्षाविदों और जानकारों की मौजूदगी में काउंसिलिंग का नेजाम कायम करना, ताकि कौम के बच्चों को सही तालीम और सही रास्ता मिल सके।
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