पटना : सनातन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विजयादशमी का त्यौहार भगवान राम के रावण का वध कर माता सीता को बंधन से मुक्त कराने के लिए मनाते जाता है। इस दिन देशभर में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। कामना की जाती है कि मनुष्य के अंदर की बुराई खत्म हो जाए और असत्य पर सत्य की विजय हो। विजयादशमी के अवसर पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को 70 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया। इस मौके पर लाखों लोग शामिल हुए। उन्होंने जय श्री राम के नारे लगाए। पटना में रावण दहन की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। रावण का पुतला पूरी तरह से लकड़ी और कागज से बनाया गया था। पुतले को बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा था।
पटना के गांधी मैदान में 70 फीट का रावण जला
बिहार की राजधानी पटना में विशाल रावण का पुतला जलाया गया। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ पक्ष और विपक्ष के कई नेता मौजूद रहे। रावण वध से पहले झांकी निकाली गई। आरती पूजन के बाद कुंभकरण, मेघनाद के बाद एक-एक करके राक्षसों का वध किया गया। अंत में रावण का वध हुआ। रावण वध देखने के लिए पूरे बिहार से लोग पटना पहुंचे थे। पटना में इस बार रावण की लंबाई 70 फुट, मेघनाथ 65 फुट और कुंभकर्ण 60 फुट ऊंचा था। ये सभी दक्षिण भारतीय परिधान में नजर आए। साथ ही पुतला का मुंह दोनों ओर था। इस बार रावण के चेहरे पर क्रूरता दिख रही थी। बार- बार मुंह खुलता और बंद होता दिखा। वहीं इस बार अशोक वाटिका दो मंजिल की बनाई गई। इसके द्वार पर दो दर्जन द्वारपाल तैनात किए गए। बता दें कि सभी पुतले को वाटरप्रूफ बनाया गया था।
सुबह से ही उमड़ पड़ी भीड़
रावण दहन के दिन, गांधी मैदान में सुबह से ही भीड़ उमड़ने लगी थी। लोग रावण दहन के लिए उत्साहित थे। समारोह का उद्घाटन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया था। भगवान राम को तिलक लगाया गया और उनकी आरती उतारी गई। इसके बाद लंका दहन हुआ और फिर श्रीराम ने तीर चलाकर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन कर दिया। सबसे पहले कुंभकरण, मेघनाद और फिर लंका का दहन हुआ। इसके बाद रावण का दहन किया गया। इस दौरान लाखों की भीड़ जुट गई थी।
नीतीश कुमार रहे मुख्य अतिथि
गांधी मैदान के रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। उनके साथ लालू प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी भी रहे। नीतीश कुमार एक्स पर लिखा, “विजयादशमी के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इसे विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। यह हमारे जीवन में संयम एवं आत्मिक बल का संचरण करने वाला पर्व है। इस पर्व को सद्भाव, भाईचारे एवं शांतिपूर्ण तरीके से हर्षोल्लास के साथ मनाएं।“
वर्षा से बचाव के लिए की गई तैयारी
इस वर्ष गांधी मैदान में रावण का पुतला खड़ा करने के लिए सीमेंट का स्थाई फाउंडेशन बनाया गया था ताकि वर्षा होने की स्थिति में भी पुतला झुके नहीं। कई बार दशहरा के समय वर्षा होने पर पुतला खड़ा करना काफी मुश्किल हो जाता है। गांधी मैदान में रावण दहन के बाद, लोगों ने आतिशबाजी का आनंद लिया। पटना के आस-पास के इलाकों में आतिशबाजी के कारण आसमान रोशन हो गया।
बख्शी राम व मोहन लाल गांधी ने की थी कमेटी का गठन
पटना के गांधी मैदान में पहली बार वर्ष 1955 में रावण वध का आयोजन किया गया था। इसके लिए बख्शी राम गांधी, मोहन लाल गांधी ने मिलकर वर्ष 1954 में दशहरा कमेटी का गठन किया था। इसमें पीके कोचर, राधा कृष्ण मल्होत्रा, मिशन दास सचदेवा, टीआर मेहता और रामनाथ साहनी शामिल थे। पहली रावण वध को देखने के लिए गांधी मैदान में पटना और आसपास के लगभग दस हजार लोग इसके गवाह बने थे।
बिहार में इन जगहों पर रावण दहन
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी हाट में विजयदशमी के दिन के दिन पिछले 50 वर्षों से रावण दहन किया जा रहा है। हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। गया जिले के सुदरवर्ती प्रखंड डुमरिया प्रखंड के मैगरा गांव में रावणवध कार्यक्रम मैगरा दुर्गा पूजा समिति की ओर से आयोजित हुआ। मैंगरा रावणवध कार्यक्रम लगभग 35 वर्ष से आयोजित हो रहा है। रावणवध कार्यक्रम देखने के लिए हजारों हजार की संख्या में जनसैलाब उमड़ा हुआ था। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के कचहरी मैदान मैं रावण वध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कचहरी मैदान में रावण का पुतला बनाया गया था।
पुतले को पटाखों के जरिए हाजीपुर के विधायक अवधेश सिंह ने आग के हवाले कर रावण दहन कार्यक्रम को पूर्ण किया। अक्षावत राय स्टेडियम में हुए रावण दहन कार्यक्रम में अन्य वर्षों की अपेक्षा इस बार काफी भीड़ देखी गई। औरंगाबाद में भी रावण का पुतला दहन किया गया। शहर के गांधी मैदान में विजयादशमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे, जिन्होंने बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में रावण के पुतला दहन कार्यक्रम को देखा।
इसके साथ ही बक्सर के ऐतिहासिक किला मैदान में 45 फीट के रावण के साथ 40 फीट के मेघनाद का भगवान श्रीराम और उनके भ्राता लक्ष्मण ने वध किया। इसके अलावा बिहार में भागलपुर, अररिया, बक्सर, नवादा, समस्तीपुर जैसे और जगहों पर रावण का वध किया गया।