Khunti (Jharkhand) : खूंटी की जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अपरूपा पाल चौधरी गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों में बुरी तरह फंसती जा रही हैं। पहले एक मृत शिक्षक के खाते से 54 लाख रुपये की संदिग्ध निकासी का मामला सामने आया था, और अब पीएम श्री योजना (प्रधानमंत्री विद्यालय फॉर राइजिंग इंडिया) के तहत 88 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप भी उन पर लगा है, जिसके बाद जांच शुरू हो गई है।
पीएम श्री योजना में बड़े घोटाले की आशंका
समाजसेवी दिलीप मिश्रा की शिकायत पर जिला प्रशासन हरकत में आया और उपायुक्त (डीसी) लोकेश मिश्रा ने तत्काल प्रभाव से उप विकास आयुक्त (डीडीसी) की अध्यक्षता में एक जांच दल गठित कर मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता दिलीप मिश्रा ने दावा किया है कि यदि अधिकारी पीएम श्री योजना की ईमानदारी से जांच करते हैं, तो यह पशुपालन घोटाले से भी बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।
पीएम श्री योजना का उद्देश्य
पीएम श्री योजना, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यालयों के बुनियादी ढांचे और छात्रों के समग्र प्रदर्शन में सुधार करना है। इस योजना के तहत झारखंड के चयनित विद्यालयों को आधुनिक शिक्षण विधियों और आवश्यक संसाधनों से लैस करना था। योजना में बाला फीचर, जादुई पिटारा, बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, स्मार्ट कक्षाएं, कंप्यूटर लैब, अटल टिंकरिंग लैब, कौशल प्रयोगशाला और खेल मैदान जैसी सुविधाएं शामिल थीं। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य बच्चों को स्मार्ट बनाना था, लेकिन आरोप है कि इसका लाभ बच्चों तक पहुंचने के बजाय शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा गबन कर लिया गया।
समाजसेवी ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने पीएम श्री योजना में हुई व्यापक अनियमितताओं के मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए संबंधित विभाग को विस्तृत शिकायत पत्र लिखा है। उनकी इस लिखित शिकायत के बाद ही खूंटी जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच टीम का गठन किया है।
मनरेगा घोटाले के खुलासे में थी अहम भूमिका
यह उल्लेखनीय है कि खूंटी के समाजसेवी दिलीप मिश्रा ने पूर्व में खूंटी जिले में हुए बहुचर्चित मनरेगा घोटाले को उजागर कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब उन्होंने शिक्षा विभाग में लगातार हो रही अनियमितताओं और गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
पूरे झारखंड में अनियमितता का आरोप
दिलीप मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि खूंटी ही नहीं, बल्कि लगभग पूरे झारखंड राज्य में पीएम श्री योजना के क्रियान्वयन में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं और योजना की धनराशि का व्यापक बंदरबांट हुआ है। फिलहाल शिकायत के बाद केवल खूंटी जिले में ही जांच प्रक्रिया शुरू हुई है।
मृत शिक्षक को भुगतान का मामला
पीएम श्री योजना में हुई अनियमितता के संबंध में ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए दिलीप मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2024 में रनिया प्रखंड के एक मृत शिक्षक को आश्चर्यजनक रूप से 54 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था। इस गंभीर मामले के बाद अब पीएम श्री योजना में भारी वित्तीय अनियमितता का यह नया मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।