Ranchi (Jharkhand) : झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना की लाभार्थियों को बड़ा झटका लगा है। 9वीं और 10वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रही महिलाओं को अब इस बार केवल 9वीं किस्त, यानी अप्रैल महीने की राशि ही उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि इस महीने लाभुकों के खाते में केवल एक महीने की राशि, यानी 2500 रुपये ही भेजे जाएंगे। इसके साथ ही, विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को सख्त आदेश दिया है कि वे अपने जिले में मंईयां योजना के लाभार्थियों का त्वरित सत्यापन करें और केवल सत्यापित लाभुकों के बैंक खाते में एक महीने की राशि भेजें।
एक साथ राशि भेजने की बाध्यता खत्म, सत्यापन पूरा होते ही भुगतान
पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि अप्रैल और मई दोनों महीनों की राशि एक साथ भेजी जाएगी, लेकिन विभाग ने अब मंईयां सम्मान योजना की एक साथ राशि भेजने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इसका अर्थ यह है कि जिस जिले में सत्यापन का काम पूरा कर लिया जाएगा, वहां के लाभुकों को राशि भेजना शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, एक साथ दो महीनों की राशि नहीं भेजी जाएगी, बल्कि अलग-अलग करके भुगतान किया जाएगा।
आधार सीडिंग अनिवार्य, फर्जी लाभार्थियों से होगी वसूली
गौरतलब है कि सभी जिलों के लाभार्थियों का आधार सीडिंग कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिन महिलाओं ने अब तक अपने बैंक खाते को आधार से लिंक (आधार सीडिंग) नहीं कराया है, उन्हें फिलहाल इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचे।
आपको बता दें कि शनिवार को ही महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने सभी जिला कोषांगों को कुल 96 अरब नौ करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्वाधिक राशि गिरिडीह जिले को (9 अरब सात करोड़ पांच लाख रुपये) आवंटित की गई है, जबकि सबसे कम राशि खूंटी जिले को (एक अरब 65 करोड़ रुपये) मिली है।
यह भी सामने आया है कि मंईयां सम्मान योजना के आवेदनों की जांच के बाद बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन पाए गए थे। ऐसे में, अपात्र लाभुकों को योजना की सूची से हटा दिया गया है, और उनके खाते में योजना की राशि नहीं पहुंचेगी। इतना ही नहीं, जिन लोगों ने अवैध तरीके से योजना का लाभ लिया है, उनसे अब सरकार पैसे की वसूली भी करेगी। यह कदम योजना में पारदर्शिता लाने और दुरुपयोग रोकने के लिए उठाया गया है।