जमशेदपुर/MGM Jamshedpur: कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज-अस्पताल की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। अब एक जीजा-साला का मामला सामने आया है। दरअसल, यहां इलाज के क्रम में जीजा की मौत हो गई और डेथ सर्टिफिकेट साला का बना दिया गया। अब साला अपने आप को जिंदा होने का सर्टिफिकेट बनाने के लिए बीते एक माह से चक्कर लगा रहा है। इसके बावजूद उसकी कोई नहीं सुन रहा है। गुरुवार को जब मामला एमजीएम अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार तक पहुंचा, तो उनके भी कान खड़े हो गए।
MGM Jamshedpur: क्या है मामला
सरायकेला-खरसावां जिले के तामोलिया निवासी फुचु हेम्ब्रम ने बताया कि 30 मार्च को उन्होंने अपने जीजा हलधर माझी को एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के क्रम में एक अप्रैल को उसके जीजा की मौत हो गई। इसके बाद जब वे अपने जीजा का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए गए तो देखा कि कर्मचारियों ने मेरा ही मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया है, जबकि मैं जिंदा हूं। उनसे बार-बार कहने के बावजूद भूल-सुधार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में क्या करुं। किसके पास जाऊं। समझ में नहीं आ रहा है।
पहले भी हो चुकी इस तरह की घटना
– एमजीएम अस्पताल में इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पूर्व भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है।
– 20 दिसंबर 2023 को डिमना बस्ती निवासी संदीप तंतुबाई के पिता गणेश तंतुबाई (53) की 17 नवंबर को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक गणेश के बदले उनके बेटे संदीप का मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया, जबकि संदीप जिंदा था। उसे भी इस दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
– 30 अप्रैल 2023 को आदित्यपुर निवासी ललित दत्ता की मौत इलाज के क्रम में हो गई। इसके बाद उसे शीतगृह में रख दिया गया। जब परिजन शव लेने गए तो देखा कि ललित दत्ता के नाम के बदले रजिस्टर पर धनंजय लिखा हुआ है।
एमजीएम अधीक्षक ने क्या कहा
एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है। यह बड़ी लापरवाही है। इस मामले की जांच को लेकर एक कमेटी गठित की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।