हेल्थ डेस्क : मैदा से बने प्रोडक्ट्स जैसे कि रोटी (नान), पिज्जा, बर्गर, और केक आदि आमतौर पर हमारे आहार में शामिल रहते हैं। लेकिन इसमें अधिक मात्रा में रखा गया मैदा अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि मोटापा, डायबिटीज, और अन्य अनेक स्वास्थ्य समस्याएं। दरअसल, मैदे में अधिक मात्रा में ग्लूटेन और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। आज हम जानेंगे कि मैदा क्यों है हानिकारक और कैसे आप इसका सेवन कम करके अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
मैदे में कम होती हैं फाइबर की मात्रा
मैदा में उच्च मात्रा में प्रोसेसिंग के दौरान कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसमें फाइबर की भी कमी हो जाती है। इस कारण इसके सेवन से पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और वजन बढ़ सकता है, इसलिए अगर आप भी स्वस्थ रहना चाहते है तो मैदे का सेवन छोड़ देना ही बेहतर होगा।
मैदा के अधिक सेवन से प्रभावित हो जाता है डाइजेस्टिव सिस्टम
मैदा का अधिक सेवन शरीर में अधिक इंसुलिन उत्पन्न कर सकता है, जिससे डायबिटीज के खतरे में वृद्धि हो सकती है।इसके अलावा, मैदा का अधिक सेवन आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को प्रभावित कर सकता है और आपको कई पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आहार में शामिल करें मोटे अनाज
हम सभी को सोचना चाहिए कि क्या हम अपने आहार में मैदा की जगह पोषण से भरपूर अनाज जैसे जौ, बाजरा, और ओट्स का उपयोग कर सकते हैं। इन अनाजों में फाइबर, पोटैशियम, और विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
इसके अलावा, हमें हमारे आहार में फलों, सब्जियों, और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। इससे हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और भविष्य में स्वस्थ रह सकते हैं।
मैदा से बने व्यंजन होते है हानिकारक
मैदा से बने कितने स्वादिष्ट व्यंजन हैं जो शायद ही किसी को ना पसंद हों, चाहे वह केक, मोमोज, गोलगप्पे, पूरियां, शक्करपारे, नमकपारे, पिज़्ज़ा, बर्गर, गुजिया, छोले भटूरे इत्यादि। मैदा का उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे और भी खतरनाक बनता है, जिससे आपका रक्त शर्करा (Blood Sugar) तेजी से बढ़ सकता है। इससे मधुमेह के खतरे में वृद्धि हो सकती है।
मैदा में मौजूद ग्लूटेन आपके शरीर में इन्फ्लेमेशन (Inflammation) पैदा कर सकता है, जिससे कुछ लोगों को सेलिएक रोग हो सकता है, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
मैदा क्यों करता हैं नुकसान
अब हम जानेंगे कि मैदा के उपयोग के कितने नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
1. वजन बढ़ने का खतरा: मैदा का सेवन कर्बोहाइड्रेट्स का अधिक स्राव कर सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
2. डायबिटीज का खतरा: उच्च मैदा सेवन से डायबिटीज के खतरे में वृद्धि हो सकती है।
3. ह्रदय रोग: मैदा में ज्यादा ट्रांस फैट्स होते हैं, जो ह्रदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
4. डाइजेस्टिव सिस्टम की समस्याएं: मैदा डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए अच्छा नहीं होता है, जिसके कारण आपको पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि कब्ज और अपच।
5. स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे: अधिक मात्रा में मैदा सेवन से आपके स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है, जैसे कि मैदा से बने खाद्य पदार्थों में मौजूद अधिक नमक, चीनी, और ट्रांस फैट्स जैसे हानिकारक तत्व।
स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए मैदे के उपयोग को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। आपको देखना होगा कि आपका आहार सही प्रमाण में प्राकृतिक और पौष्टिक है। मैदे की जगह, होल वीट आटा या मल्टीग्रेन आटा जैसे स्वस्थ विकल्पों का उपयोग करना बेहतर होता है क्योंकि ये अधिक पोषण से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
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