स्पेशल डेस्क। शादियों के सीजन के साथ दशहरा-दिवाली आने को है। इसमें पान खाना शुभ माना जाता है। आईए हम पान को लेकर कुछ बातें इस आर्टिकल में साझा करेंगे। जिससे आप भी सचेत हो सकेंगे और यह जान सकेंगे कि पान को किसके साथ खाना चाहिए। जानकारों के अनुसार पान के साथ सुपारी और कत्था का होना बहुत जरूरी होता है।
चूना के साथ पान खाना फायदेमंद
पान में जब सुपारी व कत्था के साथ चूना मिलाया जाता है, तो वह कत्था से मिल जाता है और अलग ही स्वाद देता है। इसके कारण यह नुकसान नहीं करता है। अच्छा पान खाने के लिए हमेशा संतुलित रूप से चूना का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन वहीं पान के साथ इसमें तंबाकू मिला दें तो, यह जहर का काम करता है। इससे मुंह का कैंसर भी हो सकता है।
चूने का कई तरह से हो रहा इस्तेमाल
-अगर कोई मेहंदी लगाता है, तो मेंहदी का रंग गाढ़ा हो इसके लिए चूना का पानी लगाया जाता है। लेकिन चूना लगाना एक कहावत भी है, अगर आपने कहावत वाला चूना किसी को लगा दिया, तो वह शख्स आपसे बदला लेना नहीं छोड़ेगा।
– सीमेंट, स्टील और कांच बनाने में चूना का इस्तेमाल किया जाता है। इससे इनमें मजबूती आती है। इसके साथ चीनी की चमक लाने के लिए भी चूना का इस्तेमाल किया जाता है।
– गंदे पानी को साफ करने औऱ खेती बढ़ाने के लिए भी चूना का इस्तेमाल किया जाता है। पहले सीमेंट नहीं होती थी। तब महलों को चूने के सहारे खड़ा किया जाता है। अभी वह महल मजबूती से खड़े है।
– नपुंसकता का अगर कोई शिकार हो जाता है, तो इसे दूर करने में चूना का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ मुरब्बा समेत कई व्यंजन तैयार करने में भी चूने के पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
चूना कहां से आता है
अब हमारे मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर चूना आता कहां से है। क्या चूना को निर्माण किया जाता है? ऐसे सवाल भी मन में उठ रहे होंगे, तो हम बता दें, चूना 54 करोड़ पुराने चट्टानों से निकलता है। इस पत्थर को हम चूनापत्थर या लाइमस्टोन भी कहते है। करोड़ो साल पहले समंदर के अंदर पाये जाने वाले शैवाल, मूंगे औऱ सीपियों के जमने से यह चट्टानें बनी होती है। गीजा और इजिप्त के पिरामिड इन्हीं चूना पत्थरों के है। यूरोप और अमेरिका में सदियों से इसी पत्थरों से इमारतों का निर्माण किया जा रहा है। कनाडा के एक शहर मे चूना पत्थर से बनी इतनी इमारतें है कि उस सिटी का नाम ही लाइमस्टोन सिटी रख दिया गया है।
पान खाने के फायदे
पान पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है। इसे चबाने से सलाइवा बनाता जो भोजन को पचाने में मदद करता है।
पान का पत्ता खांसी और कफ की समस्या को दूर करता है।
यह शरीर के दुर्गंध को दूर करता है। पान के पत्तो को पहले उबाले उसके बाद इसे पी लें। इससे शरीर को दुर्गंध दूर हो जाता है।
अगर आपका शरीर को कोई अंग जल गया है, तो पान के पत्ता को पीस कर लगा कर कुछ देर छोड़ दें। इसके बाद इसे साफ कर शहद के साथ इसका लेप लगाये। इससे त्वचा जल्दी ठीक हो जाती है।
अगर मुंह या मसूड़ों से खून आने की समस्या होती है, तो 10 ग्राम कपूर डालकर इसे चबाएं। इससे सांस दुर्गंध नहीं आयेगी।
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