हेल्थ डेस्क, रांची : झारखंड में एक तरफ डेंगू कहर बरपा रहा है। इसी बीच अब निपाह वायरस का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया है। इसी क्रम में जमशेदपुर को भी विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। चूंकि, यहां संक्रमण का फैलाव तेजी से होता है। इसके कई कारण है। इसमें एक मुख्य कारण जमशेदपुर में देशभर से आने वाले लोगों की संख्या भी अधिक होना है। इसे देखते हुए जिला सर्विलांस विभाग ने टाटा जू, वन विभाग व पशु विभाग को पत्र लिखा है।
झारखंड में अब निपाह वायरस का अलर्ट जारी
सर्विलांस विभाग ने कहा गया है कि केरल में निपाह वायरस के कई नए मरीज सामने आए हैं। ऐसे में सावधान होने की जरूरत है। इधर, टाटा जू, वन विभाग को भी अलर्ट रहने की जरूरत है। ताकि वायरस को पनपने से रोका जा सके। टाटा जू व वन विभाग में चमगादड़ों की अधिक संख्या है। उसके आस-पास पर्यटकों को नहीं जाने की सलाह दी गई है। सूअर से भी यह बीमारी फैल सकती है।
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अस्पतालों को भी किया गया अलर्ट
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में अस्पतालों को भी अलर्ट करने की बात कहीं गई है। इसे देखते हुए जिला सर्विलांस विभाग ने एमजीएम सहित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), टाटा मोटर्स, टिनप्लेट, मर्सी, गुरुनानक सहित सभी अस्पतालों को पत्र लिखा गया है। ताकि इससे संबंधित कोई मरीज पहुंचे तो इसकी सूचना
तत्काल विभाग को दें। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड भी बनाने का निर्देश
विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि इस वायरस से निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा। ऐसे में सभी निजी व सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना होना चाहिए। ताकि अगर कोई संदिग्ध मरीज मिले तो उसे रखा जा सकें। इस बीमारी में थोड़ा भी लापरवाही नहीं बरती जा सकती। चूंकि, इसका वायरस तेजी से फैलता है।
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निपाह वायरस क्या है?
जमशेदपुर के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद ने बताया कि निपाह एक वायरस जनित बीमारी है जो चमगादड़ों और सुअरों से फैलने वाली बीमारी है। इन्हीं के माध्यम से इसका वायरस इंसानों में फैलता है। चामगादड़ों के द्वारा खाए गए फलों से यह रोग दूसरे जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, घोड़े और बकरियों के माध्यम से इंसानों को भी
संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा इसका वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।
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निपाह वायरस का लक्षण क्या है
– बुखार
– सिरदर्द
– सांस लेने में दिक्कत
– पेट में दर्द होना
– दिमाग में सूजन होना
– 24 से 28 घंटे के अंदर बीमारी बढ़ने पर मरीज कोमा में भी चला जाता है।
– इस बीमारी से प्रभावित मरीजों में 60 प्रतिशत से ज्यादा मौत हो जाती है।
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क्या है उपचार
– डब्ल्यूएचओ के अनुसार, निपाह वायरस को रोकने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं हुआ है।
– इलाज के नाम पर मरीजों को इंटेंसिव सपोर्टिव केयर ही दी जाती है।
– इस बीमारी से बचने के लिए फलों, खासकर खजूर खाने से बचना चाहिए।
– पेड़ से गिरे फलों को नहीं खाना चाहिए। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है।
– संक्रमित रोगी से दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है।
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जमशेदपुर में हर साल पनप रही नई-नई बीमारी
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जमशेदपुर में हर साल नई-नई बीमारी फैल रही है। ऐसे में यहां विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है। अगर कोई व्यक्ति केरल से जमशेदपुर आता है तो उसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। अगर लक्षण सामने आए तो सैंपल लेकर जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है।
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जमशेदपुर में किस साल कौन सी बीमारी फैली
वर्ष : बीमारी
2009 : स्वाइन फ्लू
2010 : डेंगू
2011 : चिकनगुनिया
2012 : बर्ड फ्लू
2013 : चिकनगुनिया, जेई
2014 : जापानी इंसेफ्लाइटिस
2015 : स्वाइन फ्लू, डेंगू, जेई
2016 : डेंगू
2017 : डेंगू, जेई
2018 : डेंगू
2019 : डेंगू, चिकुनगुनिया
2020 : कोरोना
2021 : कोरोना
2022 : कोरोना
2023 : डेंगू
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