Child Misbehaved : हर मां-बाप की ख्वाहिश होती है, उसका बेटा बड़ा होकर एक सफल और आदर्श व्यक्ति बने। बच्चा सभ्य और आज्ञाकारी बने, इसके लिए उनमें अच्छा संस्कार देना बचपन से ही प्रारंभ कर देते हैं। फिर भी देखा जाता है कि अभिभावकों के पूरा ध्यान देने के बाद भी बच्चे बदतमीजी करते हैं। कई पारिवारिक समारोह में इतना ज्यादा मिसबिहेव करते हैं या गुस्सा करते हैं कि अभिभावक इससे काफी ज्यादा परेशान व ऑकवर्ड हो जाते है। यह बच्चों के भविष्य के लिए काफी खतरनाक होता है, इसके साथ ही अभिभावक अपने बच्चों को लेकर काफी चिंतित होते हैं।
बच्चों की बदतमीजी में सुधार आए, इसके लिए डांटते हैं, कई बार मारते भी हैं। अगर डांट या बच्चों को मार रहे हैं, तो यह आपके बच्चे के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है, वह और ज्यादा बदतमीजी बना सकता है। बच्चे काफी ज्यादा आपसे डरने लगेंगे, डर बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकता है। अगर आपके बच्चे के व्यवहार में कुछ बदलाव आ रहा है, तो बच्चे को डांटने की जगह एक कूल ढंग से उनसे बात करिए। पैरेंट्स कैसे कूल बनकर अपने बच्चों के व्यवहार में सुधार ला सकते है, इसके बारे में हम बाल रोग विशेषज्ञ अंकिता कुमारी से जानेंगे। उनकी दी गई जानकारी आप नीचे दिए आर्टिकल में पढ़ेंगे।
Child Misbehaved :बच्चों को समय देना जरूरी
अगर आपका बच्चा बदतमीज बन रहा है, तो उसमें सबसे बड़ा कारण अभिभावकों का बच्चों को समय नहीं देना होता है। यूनीसेफ के एक रिसर्च में यह बात सामने आई है। अगर पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए समय नहीं निकालते हैं, बच्चों की समस्या नहीं सुनते हैं, तो बच्चों का स्वभाव काफी बदल जाता है। वह बदतमीज हो जाते हैं और दुर्व्यवहार करते हैं। इसके साथ ही बच्चे जिद्दी भी हो जाते हैं। इसलिए आप अपने बच्चों के लिए हमेशा समय निकालें।
मिसबिहेव का कारण जानने की कोशिश करें
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे मिसबिहेव कर रहे हैं और बिना कारण जाने, उनको शांत कराने लगते है या समझाने लगते हैं। इससे बच्चों का व्यवहार और रौद्र हो जाता है। इसलिए पैरेंट्स को सबसे पहले बच्चे के मिसबिहेव करने का कारम पता करना चाहिए। बच्चे से पूछें कि उनके स्कूल या ट्यूशन के टीचर या क्लासमेट ने कुछ कहा है क्या। उनसे पूछताछ करने से आपको बच्चे के गुस्से का कारण पता चल जाएगा। कारण जानकर आप उनके गुस्से को शांत कर सकते हैं और उन्हें समझा सकते हैं।
बच्चे के दोस्त कौन हैं, इस पर ध्यान दें
कहा जाता है कि संगत से गुण आत है, संगत से गुण जात। अगर आप अपने बच्चे को आदर्श बनाना चाहते है, तो आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए कि आपके बच्चे के दोस्त कैसे हैं। अगर बच्चे की दोस्ती गलत बच्चों के साथ होगी, तो वह उस बच्चे के सारे अवगुण को अपने अंदर लेता आएगा। इसलिए आपको यह पता जरूर रखना चाहिए। अगर गलत संगत में आपका बच्चा रह रहा है, तो उसकी दोस्ती जल्द उन बच्चों से छुड़ाएं।
बच्चे के मूड को समझना जरूरी
बच्चे स्कूल और ट्यूशन जाकर काफी ज्यादा थक जाते हैं। थकान के कारण वे अभिभावक का कहना नहीं मानते हैं। ऐसे में आपको उनकी परेशानी समझनी होगी। बच्चों को थोड़ा समय देना होगा, जिससे वह अपने कंफर्ट जोन में आ सकें। अगर आप बच्चे को नहीं समझेंगे और उसके थकावट में ही बच्चे पर गुस्सा करेंगे या अपशब्द बोलेंगे, तो वह आप से पलटकर बदतमीजी कर सकता है।
ओवर रिएक्ट ना करें
कई बार देखा जाता है कि अभिभावक छोटी-छोटी गलतियों में भी बच्चों को बड़ी सजा देने लगते हैं। मारने-पीटने जैसी गलतियां करते हैं। अगर आप ऐसा करेंगे, तो बच्चे के अंदर का आत्मविश्वास कम होगा और वह आपसे बदतमीजी करने लगेगा। बच्चा जैसी गलती करता है, उसी के अनुसार उन्हें सजा दें।
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