हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली /BROWN RICE : चावल के बिना भारतीय भोजन की कल्पना नहीं की जा सकती। चावल भारतीय खानपान का एक अभिन्न अंग है। दक्षिण भारत के लोग तो चावल से बनी इडली-डोसा को ही प्राथमिकता देते हैं। रसम चावल या Curd rice भी उनके भोजन में मुख्य रूप से खाया जाता है।
BROWN RICE और व्हाइट राइस में बेहतर कौन
आज के समय में लोगों के पास इतना अधिक एक्सपोज़र है कि वह सभी चीजों की तुलना करते हैं, और उसे हर पैमाने पर परख कर देखते हैं, जिससे चावल भी अछूता नहीं रहा है। आज के समय में ब्राउन राइस और व्हाइट राइस के बीच में एक बहस जैसी होती है, कि ब्राउन राइस सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है या व्हाइट राइस। खासकर जिन लोगों को वजन कम करना होता है या जो डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, वे चावल का प्रयोग बिल्कुल ही बंद कर देते हैं। ऐसे में आपकी सेहत के लिए ब्राउन राइस व्हाइट राइस की अपेक्षा कैसे अधिक फायदेमंद है? आइए इसके बारे में महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज-अस्पताल की डायटीशियन अन्नू सिन्हा से जानते हैं।
– वजन घटाने में मददगार : डायटीशियन अन्नू सिन्हा बताती हैं कि ब्राउन राइस में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण लंबे समय तक आपको भूख का अहसास नहीं होता और आपका पेट भरा रहता है। यह आपका वजन घटाने में सहायक होता है।
– कब्ज से दिलाता राहत : आजकल की जीवनशैली में कब्ज की समस्या एक आम समस्या हो गई है। ब्राउन राइस के सेवन से आपको कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। ब्राउन राइस में उच्च मात्रा में फाइबर उपस्थित होता है, जो आपकी पाचन संबंधी समस्या को दूर करके आपको कब्ज से भी मुक्ति दिलाता है।
– सफेद चावल की तुलना में अधिक पौष्टिक : ब्राउन राइस में विटामिन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, फाइबर और विटामिन-बी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ब्राउन राइस में भूसी अथवा ऊपरी परत को हटाया नहीं जाता, जो इसे और अधिक पौष्टिक बनाता है।
– डायबिटीज में फायदेमंद : डायबिटीज़ से पीड़ित लोग अक्सर चावल का प्रयोग बिल्कुल ही बंद कर देते हैं। यदि वे ब्राउन राइस का सेवन करें, तो इससे उनका ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता है, क्योंकि ब्राउन राइस में ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक नहीं होता है। ब्राउन राइस का सेवन टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को भी कम करने में सहायक होता है।
नोट :: यह जानकारी सिर्फ सुझाव के लिए हैं। अगर, आप इसका सेवन करना चाहते हैं तो पहले एक बार संबंधित विशेषज्ञ से इसके बारे में जानकारी ले लें। उसके बाद ही इसका सेवन शुरू करें।
READ ALSO : तरबूज ही नहीं, उसके बीज भी लाभदायक, स्मरण शक्ति बढ़ाने से लेकर रक्तचाप भी करता नियंत्रित