जमशेदपुर/International Bhojpuri Festival: मॉरीशस सरकार के कला, संस्कृति एवं विरासत मंत्रालय द्वारा 6 से 8 मई तक मॉरीशस में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव का आयोजन किया गया था। इसमें जमशेदपुर के कई भोजपुरिया शामिल हुए थे।
वहां से लौटे प्रदीप सिंह भोजपुरिया ने बताया कि महोत्सव का उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीन्द जगन्नाथ, कला एवम संस्कृति मंत्री अविनाश तिलक एवं भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की अध्यक्ष डॉ. सरिता बुधु द्वारा किया गया। सम्मेलन का समापन मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपम एवं जहाजरानी मंत्री सुधीर मधु, हिंदी स्पीकिंग यूनियन के अध्यक्ष उदयनारायण गंगू एवं डॉ. सरिता बुधु द्वारा किया गया।
इसमें जमशेदपुर से प्रदीप सिंह भोजपुरिया के अलावा डॉ. संध्या सिन्हा, राजेश लाल एवं राजेश पांडेय शामिल थे।
International Bhojpuri Festival: तीन दिन में हुए 8 अकादमिक सत्र
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में 8 अकादमिक सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों से आमंत्रित विद्वतजनों ने अपना पत्र प्रस्तुत किया।
International Bhojpuri Festival: पारित किए गए कई 5 प्रस्ताव
सम्मेलन में भोजपुरी के विकास के लिए कई प्रस्ताव डॉ. सरिता बुधु द्वारा प्रस्तावित किए गए, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। इनमें मुख्य थे –
1. भोजपुरी महोत्सव बारी-बारी से विश्व के अन्य देशों में आयोजित किए जाएं।
2. साहित्य एवं संगीत में शालीनता को प्रोत्साहित किया जाए।
3. भोजपुरी भाषा का अंतरराष्ट्रीय शब्दकोश का निर्माण किया जाए।
4. गद्य साहित्य की रचना को बढ़ावा दिया जाए।
5. भोजपुरी भाषा के मानकीकरण पर ठोस कदम बढ़ाया जाए।
International Bhojpuri Festival: डॉ. संध्या सिन्हा ने बताई भोजपुरी साहित्य की दशा-दिशा
जमशेदपुर से भारत की टीम में शामिल डॉ. संध्या सिन्हा ने भोजपुरी साहित्य की दशा-दिशा और चुनौतियों पर अपना पत्र प्रस्तुत किया।
जमशेदपुर से प्रदीप सिंह भोजपुरिया ने अपने उद्गार में भोजपुरी के महत्व पर चर्चा करते हुए भोजपुरी के विकास औऱ संरक्षण के लिए एकजुट प्रयास की बात कही। सम्मेलन में भोजपुरी महिला पत्रिका ‘अँगना’ (संपादक : डॉ. संध्या सिन्हा) का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुति में भारत से डॉ. नीतू कुमारी नूतन व राकेशचंद्र श्रीवास्तव ने अपने लोकगीतों से सबका दिल जीत लिया।
International Bhojpuri Festival: इन्होंने भी साझा किए विचार
इसी के साथ डॉ. गुरुचरण सिंह ने भोजपुरी की विकास-यात्रा पर विस्तारपूर्वक अपना वक्तव्य रखा। सत्रों में डॉ. गुरुचरण सिंह, बिहार से डॉ. हरेंद्र सिंह, डॉ. उमाशंकर साहू व अशोक श्रीवास्तव ने भोजपुरी पर अपने विचार साझा किए।
इसके साथ ही विभिन्न सत्रों में सूरीनाम से आईं लैला व नितिन जगबंधन, फिजी से आईं सुभाषिनी, नीदरलैंड से राजमोहन, नाइजीरिया से हिमांशु त्रिपाठी, यूके से लोकदेव सहदेव, सिंगापुर से नीरज चतुर्वेदी, नेपाल से गोपाल ठाकुर, अमेरिका से सुभाष बैठा, भारत से डॉ. राजीव कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, स्वयं प्रकाश सिंह, प्रभाकर सिंह, मनोज आदि ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार प्रस्तुत किए। सम्मेलन में विभिन्न देशों में प्रकाशित भोजपुरी पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
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