स्नातक के साथ कर सकते हैं शाॅर्ट टर्म कोर्स, एआई, रोबोटिक्स समेत 30 से अधिक ऑप्शन
नई दिल्ली/Provision of UGC: यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयाें को नए सत्र में शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने के लिए प्रावधान किया है। कॉलेजों में स्नातक करने के साथ-साथ ही छात्र-छात्राएं अब कोई भी शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स समेत 30 से अधिक क्षेत्रों के विभिन्न कोर्स शामिल है।
इसमें से कोई भी कोर्स चुनकर छात्र-छात्राएं अपना स्नातक करते हुए इसका भी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। ये कोर्स तीन से छह महीने के होंगे। इस कोर्स करने का फायदा है कि स्नातक में उन्हें अलग से क्रेडिट भी प्राप्त होगी। नये सत्र 2024-25 से स्नातक करने के साथ-साथ छात्र ये शॉर्ट टर्म कोर्स कर सकते हैं।
यूजीसी ने स्किल से जुड़े कोर्सों को शुरू करने के लिए इन क्षेत्रों में काम करने वाले संस्थानों और उद्योगों से भी सहयोग लेने के लिए कहा है। इसके साथ ही संस्थानों से इन कोर्सों को करने वाले छात्रों के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट पर भी जोर देने का सुझाव दिया गया है। शॉर्ट टर्म कोर्स में अधिकतम एडमिशन हर समूह में 60 होना चाहिए।
Provision of UGC: रोजगार में छात्रों को होगा फायदा
यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों में 30 क्रेडिट तक के अल्पकालिक उद्योग-प्रासंगिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी है। पाठ्यक्रमों की अवधि तीन से छह महीने के बीच होगी, जिसमें मुख्य रूप से व्यावहारिक शिक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। स्किल कोर्स न्यूनतम 12 क्रेडिट और अधिकतम 30 क्रेडिट स्कोर के होंगे। इसमें छात्रों को पढ़ाई के साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाएगा।
एकेडमिक बैंक क्रेडिट (एबीसी) के फार्मूले के तहत एक क्रेडिट के लिए छात्रों को कम से कम पंद्रह घंटे पढ़ाई करानी होगी।
Provision of UGC: एक क्रेडिट के लिए 30 घंटे का काम जरूरी
आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, स्मार्ट सिटी, डाटा साइंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, वर्चुअल रियलटी, साइबर सिक्यूरिटी, 5जी कनेक्टिविटी, डिजिटल ट्रांसफार्मेशन, इंडस्ट्रियल आटोमेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन, इलेक्ट्रानिक्स मैनुफैक्चरिंग, 3डी प्रिटिंग प्रैक्टिकल या स्किल से जुड़े प्रशिक्षण में एक क्रेडिट के लिए 30 घंटे का काम जरूरी होगा।
यूजीसी के तहत शॉर्ट टर्म स्किल कोर्स शुरू करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों को हफ्ते में एक घंटे थ्योरी और दो घंटे प्रैक्टिकल कराना होगा। इसके साथ ही प्रत्येक कोर्स की फीस को पहले घोषित करना होगा। छात्रों को फीस वापसी का विकल्प भी देना होगा।
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