जमशेदपुर/Parents Protest in KPS: केपीएस, बर्मामाइंस में कई छात्रों को नौवीं कक्षा में फेल कर दिया गया है। इस वजह से छात्रों के अभिभावक स्कूल परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पर प्रबंधन ने राइट टू एजुकेशन के प्रावधान को ही दोषी बताया है।
केपीएस, बर्मामाइंस के चेयरमैन श्रीकांत नायर ने स्कूल परिसर में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बच्चे बिना मेहनत किए आठवीं कक्षा तक राइट टू एजुकेशन के माध्यम से प्रमोट होते रहते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। जब बच्चे कक्षा नौवीं में आते हैं तो वह मेहनत नहीं करना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि स्कूल तो पास कर ही देगा, इसलिए वह फेल होते हैं।
स्कूल प्रबंधन ने बताया कि पैरेंट्स की तरफ से जो धरना-प्रदर्शन चल रहा है। उसमें प्रेशर डाला जा रहा है कि उनके बच्चों को बिना एग्जाम लिए प्रमोट किया जाए। नायर ने कहा कि बिना पास किए प्रमोशन का कोई स्कोप नहीं है। बच्चों को मेहनत करना पड़ेगा। बच्चों में मेहनत करने की आदत खत्म हो गई है।
स्कूल प्रबंधन की मांग है कि राइट टू एजुकेशन एक्ट को बंद किया जाए। बच्चों को एक्स्ट्रा क्लासेस दिया जाता है, लेकिन एक्स्ट्रा क्लास में एक या दो बच्चे ही आते हैं। बच्चों का 75% अटेंडेंस अनिवार्य है, लेकिन बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। क्लासेस भी नहीं करते हैं।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि किसी भी तरह की शिकायत हो तो स्कूल प्रबंधन तक जल्द पहुंचाएं, ताकि स्कूल प्रबंधन आपकी मदद कर सके। जब बच्चा फेल करे, तब आना ठीक नहीं है।
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