मध्य प्रदेश | नया शिक्षण सत्र अप्रैल से शुरू होने वाला है। कई स्कूलों (MP School News) में परीक्षाएं खत्म हो गई हैं। कहीं खत्म होने वाली हैं और कई जगह एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। नए शिक्षण सत्र के दौरान शिकायतें आती हैं कि प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स से एक दुकान विशेष से कॉपी, किताब, यूनिफ़ॉर्म , टाई, जूते आदि खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। स्कूल प्रबंधन उन्हें दुकान का नाम और नंबर देते हैं और हिदायत देते हैं कि यहीं से खरीदना है, लेकिन यदि इस बार ऐसा किया, तो स्कूल प्रबंधन पर FIR दर्ज किया जाएगा।
भोपाल कलेक्टर ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश
भोपाल में स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के लिए ये राहत की खबर है कि वे अब खुले बाजार से किताबें, कॉपी, स्टेशनरी, यूनिफ़ॉर्म सहित अन्य स्कूल सामग्री खरीद सकते हैं। भोपाल कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने इसके लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि उल्लंघन करने पर FIR की जाएगी।
क्या है आदेश (MP School News)
भोपाल जिला कलेक्टर के इस नए आदेश में कहा गया है कि नया एकेडमिक सेशन शुरू होते ही कई प्राइवेट स्कूल और कॉलेज इंस्टीट्यूट पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म और किताबों के साथ ही अन्य स्टेशनरी बेचने में लग जाते हैं। पेरेंट्स को बाध्य किया जाता है कि वे स्कूल से ही बुक्स और यूनिफॉर्म या स्टेशनरी खरीद सकते हैं। लेकिन, अब आप ऐसा नहीं कर सकते हैं।
जो भी स्कूल सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं, उन्हें भी मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 2 दिसंबर 2020 स्कूल शिक्षा मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन करना होगा। जिला कलेक्टर ने यह फैसला दंड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 144 में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए किया। इस आदेश के साथ ही राजधानी के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लग जाएगी। इससे पहले स्कूल वालों की एक दुकान निश्चित होती थी, वहीं से ड्रेस और किताबें लेनी होती थीं।
अब इस आदेश के बाद पेरेंट्स को किसी भी दुकान से स्कूल का सामान लेने की आजादी होगी।
आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू
कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह के आदेश के बाद से यह नियम आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएंगे। यही नहीं, गैर सरकारी स्कूलों को स्कूल नोटिस बोर्ड पर यह लिखना होगा कि यहां किसी विशिष्ट दुकान से सामान लेने की बाध्यता नहीं है। किताबों और अन्य सामग्री पर संस्थान का नाम अंकित नहीं किया जाएगा। अब पेरेंट्स किसी भी दुकान से सामान लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
अभी एग्जाम जारी, अप्रैल से खुलेंगे स्कूल
शहर के स्कूलों में अभी परीक्षाएं चल रही हैं। अप्रैल में स्कूल फिर से खुलेंगे। इसी दौरान पेरेंट्स पर यूनिफॉर्म, बुक्स समेत अन्य शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए दबाव बनाया जाता है। पिछले साल तत्कालीन कलेक्टर आशीष सिंह ने अप्रैल में आदेश जारी किए थे। इस बार नए शिक्षा सत्र से पहले ही मौजूदा कलेक्टर सिंह ने आदेश जारी किए हैं।
नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी बुक लिस्ट
आदेश में यह भी कहा गया है कि स्कूलों के लिए ये भी अनिवार्य है कि वे नए एकेडेमिक सेशन से पहले बुक राइटर, पब्लिकेशन के नाम और उसके प्राइस के साथ क्लास वाइज किताबों की लिस्ट स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगाएं, ताकि पेरेंट्स उन्हें किसी भी बुक शॉप से खरीद सकें। साथ ही नोटिस बोर्ड पर बुक लिस्ट लगाने के साथ ही सिलेबस की किताबें और पब्लिकेशन की जानकारी स्कूल की वेबसाइट पर भी जारी करनी होगी।
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