रांची/JPSC New Case: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से 17 मार्च को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में पेपर लीक मामले में जेपीएससी ने अपनी बात रखी है। एग्जाम के बाद पेपर लीक और वायरल वीडियो को लेकर जेपीएससी साफ से इंकार कर दिया है। जेपीएससी ने कहा है कि वीडियो में जो आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह से गलत हैं। पूरे मामले में दोषियों की पहचान कर उनपर कठोर कार्रवाई के लिए जेपीएससी अध्यक्ष डॉ मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने मुख्य सचिव गृह सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है।
JPSC New Case : फर्जी वीडियो की जांच कर दोषियों को सजा दी जाए
जेपीएससी ने सरकार को अनुशंसा की है कि जिला प्रशासन को विशेष निर्देश दिया जाए कि फर्जी वीडियो के प्रचार में संलिप्त व्यक्ति और व्यक्तियों के समूह को चिन्हित करके उन्हें उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत कठोरतम सजा दी जाए। एग्जाम में पेपर लीक को लेकर हो रहे हंगामे के बाद मामले में मिहिजाम थाने में दो एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर में बिनीत कुमार और 50 अज्ञात को आरोपी बनाया गया है।
पर्चा लीक होने का आरोप लगा अभ्यर्थियों ने किया था हंगामा
विगत रविवार को जेपीएससी पीटी के दौरान जनजातीय संध्या डिग्री कॉलेज व इंटर महाविद्यालय मिहिजाम केंद्र पर पर्चा लीक होने का आरोप लगा कर अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार और उपद्रव किया था। स्टूडेंट्स विरोध कर रहे थे और एग्जाम कैंसल करने की मांग कर रहे थे। वहीं रांची हाईकोर्ट में भी एग्जाम कैंसल करने को लेकर याचिका दायर की गई है। वही इसपर हाईकोर्ट को कोई जवाब फिलहाल नहीं आया है। एग्जाम कैंसल होगी या नहीं इसे लेकर फिलहाल सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं आई है।
एसआईटी की जांच के बाद दर्ज कराए गए मामले
एसआईटी की जांच रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद प्रशासन अब हंगामा मचाने वाले परीक्षार्थी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इसे लेकर संबंधित मिहिजाम थाना में दो अलग-अलग मामला दर्ज कराया गया है। पहली एफआईआर कार्यपालक पदाधिकारी जामताड़ा एजाज हुसैन अंसारी के लिखित आवेदन पर किया गया है। जिसमें मिहिजाम थाना कांड संख्या 20/24 भादवि की धारा 120B के तहत विनीत कुमार सहित अज्ञात 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी एफआईआर दंडाधिकारी रामप्रवेश कुमार के द्वारा कांड संख्या 21/24 भादवि की धारा 120B के तहत 20 परीक्षार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है।
एफआईआर में लगाए गए हैं यह आरोप
इन दोनों मामलों में षडयंत्र कर परीक्षा बाधित करना और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। जेपीएससी सिविल सेवा के प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक के मामले को लेकर परीक्षार्थियों द्वारा हंगामा किया जाना उनको महंगा पड़ा गया है। अब हंगामा मचाने वाले परीक्षार्थियों पर मामला दर्ज होने के बाद खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई तेज हो गई है।