पटना : (Bihar teachers) हाईकोर्ट पटना में सक्षमता परीक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई हुई, जिसमें माननीय न्यायालय ने रूल 4 के प्रोविजन को समाप्त करते हुए यह आदेश दिया है कि अगर शिक्षक सक्षमता परीक्षा में नहीं बैठते हैं या फेल होते हैं, तो उन्हें हटाया नहीं जाएगा। इस फैसले को लेकर शिक्षकों ने खुशी जाहिर की है। हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार, अब सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले या इस परीक्षा में शामिल नहीं होने के बावजूद शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे।
पटना हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थी शिक्षकों के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि उनकी नौकरी नहीं जाएगी। इससे पूर्व चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 15 मार्च 2024 को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया। इसके अलावा जिस नियमावली-12 के तहत अपीलीय प्राधिकार को खत्म किया गया था, उसे भी खारिज कर दिया गया है यानी अब प्राधिकार भी बने रहेंगे।
नियोजित शिक्षकों को HC से बड़ी राहत (Bihar teachers)
पटना हाईकोर्ट ने राज्य के नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए कहा कि सक्षमता परीक्षा नहीं पास करने वालों शिक्षक अपने पद पर बने रहेंगे। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई 15 मार्च,2024 को सुरक्षित रखा, जिसे आज सुनाया गया।
पहले फैसले के खिलाफ हुआ था आंदोलन
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सरकार से अनुशंसा की थी कि सक्षमता परीक्षा में नियोजित शिक्षकों के लिए पास होना अनिवार्य होगा। नियोजित शिक्षकों को इसके लिए 5 मौके मिलेंगे, अगर फेल हुए या अनुपस्थित रहे तो नौकरी जा सकती है। नियोजित शिक्षकों ने सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था और मामला कोर्ट भी पहुंचा था।
इस दौरान बिहार में पहली सक्षमता परीक्षा भी आयोजित हुई और उसका रिजल्ट भी आ गया। इस रिजल्ट में सामने आया कि कई शिक्षक सक्षमता परीक्षा में फेल हो गए हैं।
नियोजित शिक्षकों ने जाहिर की खुशी
इस फैसले पर नियोजित शिक्षकों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि आज जो फैसला आया है, इससे हम लोगों में खुशी है। हमारी मांग थी कि बार-बार सरकार कभी दक्षता परीक्षा के नाम पर तो कभी सक्षमता के नाम पर जो छंटनी प्रक्रिया कर रही थी, उसमें आज शिक्षकों की जीत हुई है।
टीचर पहुंचे थे हाईकोर्ट
बिहार में शिक्षकों की बड़ी संख्या में भर्ती के बाद, राज्य के तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने BPSC पास शिक्षकों की तरह ही राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की थी। इसके जवाब में राज्य सरकार ने तय किया कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी। शिक्षा विभाग के इसी फैसले के विरोध में टीचर हाईकोर्ट चले गए थे।
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