नेशनल डेस्क :SC on Electoral Bonds: चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम ने आज एसबीआई को फटकार लगाते हुए सारी जानकारी साझा करने के निर्देश दिए हैं। शीर्ष न्यायालय ने बैंक को बॉन्ड के यूनिक नंबर सहित हर जानकारी 21 मार्च तक देने का निर्देश दिया है। यूनिक नंबर का खुलासा होने के बाद चुनावी बॉन्ड देने वाले और इसे प्राप्त करने वाले राजनीतिक दल के बीच संबंध का खुलासा हो जाएगा।
शीर्ष अदालत ने क्या कहा (SC on Electoral Bonds)
शीर्ष अदालत ने कहा कि चुनावी बांड के डेटा के पूर्ण प्रकटीकरण में उनके अद्वितीय छिपे हुए अल्फ़ान्यूमेरिक और सीरियल नंबर शामिल हैं और इसे प्रकाशन के लिए ईसीआई को दिया जाना चाहिए। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बी आर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे, ने कहा कि ‘एसबीआई से अपेक्षा की गई थी कि वह चुनावी बॉन्ड के संबंध में हर संभावित विवरण दे।’
अदालत के सामने होगा पेश
सीजेआई ने एसबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से कहा कि अदालत के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि बैंक को सभी विवरण साझा करने होंगे, जिसमें बांड नंबर भी शामिल हैं और एसबीआई विवरणों के प्रकटीकरण में चयनात्मक नहीं हो सकता है और बॉन्ड के संबंध में जानकारी के हर हिस्से को अदालत के सामने पेश करना होगा।
औद्योगिक निकायों की याचिका खारिज
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एसबीआई से बॉन्ड संख्याओं समेत चुनाव बॉन्ड से संबंधित सभी संभावित सूचनाओं का खुलासा करने को कहा। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, ‘‘हमने एसबीआई से सभी जानकारियों का खुलासा करने के लिए कहा था, जिसमें चुनावी बॉन्ड संख्याएं भी शामिल हैं। एसबीआई विवरण का खुलासा करने में चुनिंदा रुख न अपनाए।”
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड मामले में अपने फैसले में बैंक से बॉन्ड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था तथा उसे इस संबंध में और आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने साथ ही चुनावी बॉन्ड मामले में औद्योगिक निकायों, उद्योग मंडल एसोचैम और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की गैर-सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया।
औद्योगिक निकायों ने बॉन्ड विवरण का खुलासा करने के खिलाफ वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के जरिए दायर की अपनी अंतरिम याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।
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