विश्रामपुर : झारखंड के पलामू जिले के रेहला थाना क्षेत्र के गुरहा कला गांव स्थित पाठे घाट के निकट गुरुवार की सुबह रेहला पुलिस ने एक युवक का बरामद किया है। युवक की हत्या गोली मारकर की गई है। शव कच्ची रास्ते से कुछ हटकर बिजली टावर के समीप औंधे मुंह पड़ा था। जिसकी उम्र लगभग 35 वर्ष बताया जा रहा है। शव की पहचान नहीं हो पाई है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह घुमने निकले लोगों ने शव को देख गांव के लोगों को जानकारी देते हुए रेहला थाना पुलिस को सूचना दी। जहां पुलिस पहुंच स्थानीय लोगों की उपस्थिति में शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीनगर स्थित मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया।
युवक का शव देखने से प्रतीत होता है कि अज्ञात अपराधियों के द्वारा उसके कनपटी व पेट में गोली मारी गई है। कनपटी में गोली मारने से उसका सिर उड़ गया है।
पुलिस व स्थानीय लोगों के द्वारा मृतक की पहचान करने व कराने की कोशिश की जा रही है। मृतक के जेब से केवल 20 रुपए मिले हैं। वैसी कोई भी चीज बरामद नहीं हुआ है जिसके उसकी पहचान हो सके। युवक के पैर में चप्पल व कंधे में केसरिया गमछा मिला है।
लोगों की मानें तो चप्पल वह गमछा होना आसपास का हीं होना प्रतीत होता है। हत्या का कारण आपसी रंजिश का होना अनुमान लगाया जा रहा है। मृतक के शव के पास बहे ताजा खून से सुबह के लगभग तीन बजे के आसपास हत्या होना बताया जा रहा है।
थाना प्रभारी नेमधारी रजक ने बताया कि पुलिस अपने स्तर से मृत युवक की पहचान करते हुए हत्या में सम्मिलित अज्ञात अपराधियों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
गढ़वारोड स्टेशन भाया गुरहा रोड बना अपराधियों का सेफ जोन
गढ़वा रोड स्टेशन भाया गुरहा रोड अपराधियों का सैफ जोन बन गया है। अपराधी बैखौफ घटना को अंजाम देकर चैन की नींद सो जाते हैं। वहीं पुलिस इन अपराधियों पर लगाम नहीं लगा पा रही, मानो पुलिस बेबस हो गई हो। जिससे आम लोगों में भय व दहशत का महोल बना रहता है ।
सुरक्षा मुहैया कराने में पुलिस मूकदर्शक की तरह भूमिका निभा रही है। लूटपाट व हत्या की घटनाएं इस क्षेत्र में सदैव होती रही है। अपराधी घटना को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती भी दे रहे हैं। वहीं पुलिस केवल औपचारिकता पुरी करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ठंडे बस्ते में डाल दे रही है।
अपराधी इस क्षेत्र को सैफ जोन मानते हुए घटना को अंजाम दे रहे हैं। साथ हीं लूट पाट व हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेक कर मामले को डायवर्ट कर देते हैं। ऐसी कई घटनाएं हुई जिसका उदभेदन एक रहस्यमई बना रह गया। पुलिस इन घटना में संलिप्त अपराधी तक न तो पंहुच सकी और न हीं उक्त अज्ञात शवों की पहचान हीं करा सकी है।
प्रशासनिक तौर पर समय समय पर थाना से आफीसर को बदलकर सुधार का प्रयास किया। लेकिन कोई कारगर सफलता नहीं मिल सकी है। केवल कहने को पुलिस कागजी कार्रवाई तक ही सीमित रह गई है। ऐसे में पुलिस को आशातीत सफलता अर्जित करने को ले पूर्व से चली आ रही गतिविधियों में बदलाव करना होगा।
READ ALSO : US Mass Shooting: अमेरिका में गाेलीबारी, 22 की माैत, 60 से अधिक घायल