पुणे : Pune Porsche Accident: पुणे में हुए पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा की गई जांच के दौरान येरवडा पुलिस थाने में कार्यरत दो पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, येरवडा पुलिस थाने में कार्यरत रहे पुलिस इंस्पेक्टर राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ तोड़करी को सस्पेंड करने का आदेश शनिवार को शहर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने जारी किया है।
पोर्शे कांड के आरोपी लड़के के पिता विशाल अग्रवाल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बिल्डर विशाल अग्रवाल के ड्राइवर ने बयान देकर इस केस में खलबली मचा दी है। रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल ने अपने ड्राइवर से कहा था कि वह उसके आरोपी बेटे को पोर्शे टायकन कार चलाने दे। ड्राइवर का कहना है कि विशाल अग्रवाल ने ही बेटे को कार चलाने की परमिशन दी थी। पुणे पुलिस ने गुरुवार को आरोपी नाबालिग के दादा, उसके एक दोस्त और एक्सीडेंट के समय कार में मौजूद फैमिली ड्राइवर से पूछताछ की। इसी दौरान ड्राइवर ने यह दावा किया है।
Pune Porsche Accident: आरोपी ने किया दावा
यह नई बात ऐसे वक्त में आई है, जब खुद आरोपी ने दावा किया था कि एक्सीडेंट के वक्त ड्राइवर ही कार चला रहा था। घटना के वक्त कार में मौजूद उसके दोस्तों ने भी आरोपी के दावे में हां में हां मिलाया था। इतना ही नहीं, आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने भी ऐसा ही कहा कि ड्राइवर ही कार चला रहा था। इस बीच पुलिस ने आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से पूछताछ की है। उनसे घटना वाले दिन बेटे और पोते से हुई बातचीत के बारे में पूछताछ की गई।
Pune Porsche Accident: क्या है पूरा मामला?
दरअसल पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को तड़के शराब के नशे में पोर्श कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था। इससे दोनों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने उन पबों पर भी एक्शन लिया जहां आरोपी ने शराब पी थी। पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने पहले निबंध लिखने की शर्त पर जमानत दे दी थी। मगर जब यह मामला तूल पकड़ा, तब फिर बुधवार को उसे सुधार गृह भेज दिया।
Pune Porsche Accident: दावों की सच्चाई की जांच में जुटी है पुलिस
हालांकि पुलिस मामले की जांच में अब भी जुटी हुई है। पुलिस आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल के दावों की सच्चाई को जानने में जुटी हुई है। वहीं, नाबालिग आरोपी की जमानत फिलहाल रद्द कर दी गई है और उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बाल सुधार गृह भेज दिया है। 5 जून तक आरोपी को ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा। आरोपी को बालिग की तरह ट्रीट किया जाए या नहीं, इस पर अभी तक कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि 5 जून तक इस मामले पर फैसला हो सकता है। साथ ही नाबालिग आरोपी को बालिग मानकर केस चलाने की मांग की गई थी।
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