नई दिल्ली/Patanjali Ayurveda Limited: कॉविड-19 के दौरान कोरोना ठीक करने का दावा करते हुए पतंजलि द्वारा लांच कोरोनिल के भ्रामक विज्ञापन मामले में फिलहाल बाबा रामदेव को राहत मिलती नहीं दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दवाओं के भ्रामक विज्ञापन पर उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाने के बाद उत्तराखंड के आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग द्वारा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की 14 दवाओं का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
Patanjali Ayurveda Limited: कई तरफ से दायर की गई याचिका
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित कई दवाओं के संबंध में याचिका दायर की गई हैं, जिनमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी हरिद्वार द्वारा पतंजलि के दवाओं से संबंधित झूठे दावों एवं भ्रामक विज्ञापनों के विरुद्ध दायर याचिका सम्मिलित है।
Patanjali Ayurveda Limited: इन कानून का किया गया था उल्लंघन
पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा अपनी औषधि के संबंध में जो दावे किए गए हैं, वह ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमेडीज एक्ट-1954 एवं कंज्यूमर प्रोडक्ट एक्ट-2019 का उल्लंघन करते हैं।
Patanjali Ayurveda Limited: इन बीमारियों के इलाज का किया गया था दावा
पतंजलि आयुर्वेद द्वारा जिन बीमारियों के इलाज का दावा किया गया था, उनमें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, घेंघा, ग्लूकोमा आदि कई बीमारियां शामिल हैं।
Patanjali Ayurveda Limited: इन दवाओं का लाइसेंस किया गया रद्द
उत्तराखंड सरकार द्वारा जिन दवाओं का लाइसेंस रद्द किया गया है, उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोन्कोम, श्वासारि प्रवाही, श्वसारि अवलेह, बीपी ग्रिट, मधु ग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, दृष्टि आई ड्रॉप, आईग्रिट गोल्ड आदि शामिल हैं।
Patanjali Ayurveda Limited: सार्वजनिक माफी मंगवा चुका है सुप्रीम कोर्ट
भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को इससे पहले कड़ी फटकार लगाते हुए सार्वजनिक रूप से विज्ञापन प्रकाशित करके माफी मांगने का आदेश दिया था। इसके बाद एक विज्ञापन द्वारा माफी भी मांगी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने और कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बाबा रामदेव से कहा कि क्या माफीनामे का साईज़ उतना ही बड़ा है, जितना प्रोडक्ट के भ्रामक विज्ञापन का था? सभी समाचार पत्रों के माध्यम से बड़े-बड़े शब्दों में विज्ञापन प्रकाशित कर बाबा रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड एवं आचार्य बालकृष्ण द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई थी।
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