Mukhtar Ansari Death: यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब प्रशासन ने सुपुर्द-ए-खाक की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्तार को उसके पैतृक गांव में दफनाया जाएगा। मुख्तार की कब्र उसके पिता के बगल में खोदी जाएगी। डीआईजी वाराणसी रेंज ओमप्रकाश सिंह, जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और एसपी ओमवीर सिंह पुलिस बल के साथ उस जगह का मुआयना भी कर चुके हैं।
Mukhtar Ansari Death: गाजीपुर में धारा-144 लागू
बता दें, कि उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे राज्य में पुलिस हाई अलर्ट पर है। मऊ, बांदा और गाजीपुर में धारा-144 लागू कर दी गई है। मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके पैतृक आवास ले जाया जाएगा, जहां उसे सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
Mukhtar Ansari Death: कैसे हुई मुख्तार अंसारी की मौत
बता दें कि लंबे समय से यूपी की बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार शाम करीब साढ़े 8 बजे तबीयत बिगड़ी थी। मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था। 9 डॉक्टरों की टीम ने तत्काल उसका इलाज शुरू किया, लेकिन डॉक्टरों के काफी प्रयास के बाद भी कार्डियक अरेस्ट से मुख्तार की मौत हो गई। रात करीब साढ़े दस बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की।
Mukhtar Ansari Death: मुख्तार के बेटे ने जहर देकर मारने का लगाया आरोप
जानकारी के मुताबिक अंसारी के परिजन मंगलवार को उससे मिलने के लिए मेडिकल कॉलेज आए थे। इस दौरान मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी से ही मुख्तार की मुलाकात हो पाई थी। इधर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं और जेल प्रशासन पर खाने में धीमा जहर देने का आरोप लगाया है।
Mukhtar Ansari Death: मुख्तार के नाम से ही कांपते थे लोग
मुख्तार की मौत के साथ ही उत्तर प्रदेश के अपराध और राजनीतिक जगत का वह अध्याय भी बंद हो गया, जिसमें करीब 40 साल तक कोई भी चाल मुख्तार की मंजूरी की तलबगार बनी रही। करीब चार दशक तक मुख्तार का नाम सुनकर ही जहां आम जन खौफ खा जाता था, वहीं उसे रॉबिनहुड मानने वाले लोगों की भी संख्या कम नहीं थी।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश पुलिस की लिस्ट में टॉप-10 माफिया में शामिल मुख्तार का परिवार एक समय प्रदेश की राजनीति के प्रतिष्ठित घरानों में शामिल था। इतना ही नहीं उसके परिवार ने प्रदेश को स्वतंत्रता सेनानी से लेकर देश के लिए शहीद होने वाले अफसर तक दिए थे।
Mukhtar Ansari Death: दबदबा रखने के शौक ने बना दिया माफिया
मुख्तार के परिवार के बारे में जानकर आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसे लोगों से परवरिश पाने वाले मुख्तार आखिर इतना बड़ा गैंगस्टर कैसे बन गया? दरअसल मुख्तार को दबदबा बनाकर रखने का शौक था। यह शौक ही उसे जुर्म की दुनिया की तरफ ले गया। रेलवे ठेकों पर कब्जे से लेकर खनन और शराब आदि के धंधों में दिखे पैसे ने मुख्तार को धीरे-धीरे पूरी तरह अपराध जगत का हिस्सा बना दिया।
एक समय था कि उसके इशारे के बिना पूर्वांचल में कोई भी सरकारी ठेका नहीं छोड़ा जाता था। हालांकि मुख्तार को गाजीपुर और आसपास के जिलों की जनता का एक बड़ा तबका रॉबिनहुड भी कहता है, क्योंकि उसने एक खास समुदाय के लोगों की जमकर आर्थिक मदद भी की।
Mukhtar Ansari Death: मुख्तार अंसारी के बारे में जानें
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून, 1963 को मुख्तार अंसारी का जन्म सुबाहउल्लाह अंसारी के घर हुआ था। मुख्तार की मां बेगम राबिया थी, जिनके पिता यानी मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान 1947 में देश के लिए शहीद हुए थे। उन्हें इस शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था। मोहम्मद उस्मान को भारतीय सेना ‘नौशेरा के शेर’ के तौर पर पहचानती है, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना का मुकाबला कर कश्मीर को बचाया था।
मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार के पिता की भी राजनीतिक छवि बेहद साफ-सुथरी थी। वे कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े थे और नगरपालिका चुनावों में कई बार जीत हासिल की थी। देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते थे।
Mukhtar Ansari Death: लगातार 26 साल बना रहा विधायक
मुख्तार ने जुर्म की दुनिया से धीरे-धीरे राजनीति की तरफ रुख मोड़ा और यहां भी अपना दबदबा कायम कर दिया। बसपा, सपा, कांग्रेस से जुड़े रहकर मुख्तार लगातार 26 साल तक विधायक बना रहा। 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर जीता मुख्तार लगातार 5 बार विधायक रहा और उसने अपने भाई अफजाल अंसारी को सांसद बनाया।
2002, 2007, 2012 और 2017 में उसने मऊ सीट पर एकतरफा जीत हासिल की। मुख्तार का दबदबा ऐसा था कि वह जेल के अंदर रहा हो या बाहर, उसके नाम पर ही पूर्वांचल की कई सीटों पर चुनाव परिणाम तय होते रहे और खुद वह भी आसानी से चुनाव जीतता रहा। 2007, 2012 और 2017 के चुनावों में वह जेल में बंद रहकर भी जीत गया था।
Mukhtar Ansari Death: 52 मुकदमे दर्ज थे मुख्तार अंसारी पर
मुख्तार अंसारी के खिलाफ कुल 52 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से लेकर तमाम जघन्य अपराध शामिल थे। मुख्तार का खौफ ऐसा था कि कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने के लिए खड़ा नहीं होता था।
हालांकि साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। इसके चलते उसे कई मुकदमों में सजा हो चुकी थी और राज्य सरकार के बुलडोजर ने बड़े पैमाने पर उसकी और उसके परिवार की संपत्ति ध्वस्त कर दी थी। मुख्तार गैंग के बदमाशों में से कई को मार दिया गया है और बचे हुए में से ज्यादातर को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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