रांची: Money Laundering Case: ईडी की नोटिस के बाद भी आईएएस अधिकारी मनीष रंजन प्रवर्तन निदेशालय के रांची स्थित दफ्तर नहीं पहुंचे। उन्होंने अपने कर्मचारी के जरिये एक चिट्ठी भेजवायी जिसमें ईडी कार्यालय ना आने की वजह बतायी है। बता दें इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को ईडी पहले गिरफ्तार कर चुकी है।
Money Laundering Case- क्यों बुलाया गया ईडी कार्यालय
आईएएस अधिकारी मनीष रंजन ने कर्मचारी के जरिये जो चिट्ठी भेजी है, उसमें पूछताछ में शामिल ना होने की क्या वजह बतायी है, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। आईएएस अधिकारी मनीष रंजन के कर्मचारी अनिल कुमार ने कहा कि चिट्ठी में क्या है, उसे मालूम नहीं है। चिट्ठी बस पहुंचाने का आदेश था, तो मैं चिट्ठी लेकर आ गया।
Money Laundering Case:- क्या पूछताछ करना चाहती ईडी
आईएएस अधिकारी मनीष रंजन से ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर में कमीशनखोरी को लेकर ईडी पूछताछ करना चाहती है। इसके लिए उन्हें रांची के हिनू स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के क्षेत्रीय कार्यालय में बुलाया गया था। लेकिन वह नहीं आये और आईएएस अधिकारी मनीष रंजन ने कर्मचारी के जरिये जो चिट्ठी भेजवायी।
Money Laundering Case- आईएएस को इन कागजात लाने को कहा गया था
सूत्रों के अनुसार आईएएस मनीष रंजन को अपने साथ खुद की और अपने परिवार के सदस्यों की आय और संपत्तियों का ब्योरा लेकर आने को कहा था। इस मामले में ईडी ने कई लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया है। लेकिन आईएएस अधिकारी मनीष रंजन रांची के हिनू स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के क्षेत्रीय कार्यालय नहीं पहुंचे।
Money Laundering Case:- मनी लाउंड्रिंग केस में मंत्री जा चुके है जेल
मालूम हो मनी लाउंड्रिंग केस में ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को ईडी पहले गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम तीस करोड़ की नगदी मिली थी।
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