रांची : Minister Alamgir Alam : झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister of Jharkhand Government Alamgir Alam) से ईडी की टीम मंगलवार को पूछताछ कर रही है। ईडी ने आलमगीर आलम को 12 मई को समन भेजा था। आज उन्हें पूछताछ के लिए 11 बजे रांची के हिनू स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में बुलाया।
मंत्री से यह पूछताछ 32 करोड़ रुपये के मामले में हो रही है, जो पिछले दिनों ईडी की छापेमारी में मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव रहे संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से बरामद किए गए थे। इसी मामले में आलमगीर को समन भेजा गया था।
इससे पहले ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल और उसके नौकर के घर से जब्त करोड़ रुपये को लेकर ईडी ने जांच के बाद खुलासा किया था। ईडी ने दावा किया था कि बरामद पैसा टेंडर घोटाला और मनी लांड्रिंग से जुड़ा हुआ है। ईडी के अनुसार इस पूरे मामले में कई अधिकारी संलिप्त हैं और संजीव लाल को कई बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। फिलहाल संजीव लाल और उनका नौकर जहांगीर आलम ईडी की रिमांड पर है।
वहीं, संजीव लाल ने बताया कि पूरे पैसे विभाग में टेंडर देने के बदले मिले कमीशन का है और कमीशन का पैसा अधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक जाता था। इसी के बाद मंत्री आलमगीर आलम ईडी की रडार पर आ गए। इसके बाद ईडी ने शनिवार को मंत्री को समन जारी करते हुए 14 मई को 32 करोड़ रुपये की बरामदगी और टेंडर घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया।
Minister Alamgir Alam : ईडी ने पूछा पैसे का खेल विभाग में कैसे चल रहा था
मंत्री आलमगीर आलम ईडी द्वारा समन दिए जाने के बाद तय समय पर मंगलवार सुबह ईडी दफ्तर पहुंचे। यहां ईडी के अधिकारियों ने 50 से ज्यादा सवाल भी मंत्री के लिए तैयार किया हुआ था, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता और ईडी की कैद में आए वीरेंद्र राम से लेकर संजीव लाल तक हैं, जिसके ठिकानों से करोड़ों की रुपये बरामद हुए हैं। ईडी जानना चाहती है कि मंत्री को इन पैसों और संजीव लाल के कारनामों के बारे में क्या जानकारी है।
विभाग में चल रहे करोड़ों के कमीशन के खेल में मंत्री की क्या भूमिका थी। संजीव और जहांगीर के पास मिले पैसे कहां पहुंचाए जाने थे। ऐसे कई सवालों का जबाब मंत्री आलमगीर आलम को देना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार अगर जरूरत हुई तो संजीव लाल और जहांगीर आलम के सामने बैठा कर मंत्री से पूछताछ की जाएगी।
Minister Alamgir Alam : ईडी का कहना अधिकारियों और राजनेताओं के बीच बंटा है पैसा
ईडी ने संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम की रिमांड नोट में टेंडर के खेल की पूरी जानकारी कोर्ट को दी है। ईडी ने कोर्ट को यह जानकारी दी है कि पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच के दौरान यह पता चला है कि वीरेंद्र कुमार राम झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग से एक इंजीनियर और ग्रामीण कार्य विभाग और ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार के मुख्य अभियंता के रूप में प्रतिनियुक्ति थे।
वीरेंद्र कुमार राम टेंडर देने के लिए कमीशन एकत्र करता था और उस कमीशन का 1.5% निर्धारित हिस्सा अपने वरिष्ठों और राजनेताओं के बीच वितरित करता था। जांच के दौरान विभाग के अन्य अधिकारियों की भी वसूली में संलिप्तता पाई गई। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि छह मई को तलाशी कार्रवाई से संबंधित निष्कर्ष और दोनों आरोपियों की मिलीभगत का उल्लेख पहले ही रिमांड याचिका में किया जा चुका है।
साथ ही पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी भी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद की गई थी। सात मई को संजीव लाल के एक सहयोगी राजीव कुमार के परिसर से 2.13 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान आपत्तिजनक सामग्री, दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए और जब्त किए गए, जिनकी जांच की जा रही है।
वहीं, जांच में ये भी पता चला है कि संजीव लाल कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से कमीशन के पैसों को जमा करता था। इसके अलावा हिरासत के दौरान जब्त की गई सामग्री और बयानों से विभिन्न नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं, जिनकी शिकायतकर्ता द्वारा जांच की जा रही है। ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक कई अधिकारी इस गठजोड़ में शामिल हैं और आमतौर पर भारी मात्रा में नकद में प्राप्त किया जाता था, जिसे बाद में उसे आपस में बांट लिया जाता था।
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