नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया द्वारा शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। (High court notice) जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 08 मई को तय की।
पत्नी से मिलने की अनुमति (High court notice)
सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन सिसोदिया की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि एक आवेदन भी दायर किया, जिसमें मांग की गई कि जमानत याचिका लंबित रहने के दौरान निचली अदालत के आदेश को जारी रखा जाए। इसके तहत सिसोदिया को अपनी बीमार पत्नी से सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति दी जाए।
कोर्ट ने जमानत याचिका पर की बड़ी टिप्पणी
मालूम हो कि 30 अप्रैल को कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने ईडी से सवाल किया कि जब सिसोदिया को उनकी पत्नी से हफ्ते में एक दिन मिलने की इजाजत है, तो फिर अब इसे जारी रखने में क्या दिक्कत है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
दूसरी बार की नियमित जमानत की मांग
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 30 अप्रैल को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। सिसोदिया दूसरी बार नियमित जमानत की मांग कर रहे थे। मनीष सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता रजत भारद्वाज ने गुरुवार को मामले को तत्काल कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत अरोड़ा की खंडपीठ के समक्ष लाया था। खंडपीठ ने कहा था कि वे मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे, बशर्ते सभी जरूरी दस्तावेज गुरुवार दोपहर 12.30 बजे तक जमा कर दिए जाएं।
जेल से लिखी थी चिट्ठी, कहा-जल्द बाहर आएंगे
दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद सिसोदिया ने कुछ दिन पहले जेल से चिट्ठी लिखी थी। उसमें उन्होंने ये उम्मीद जताई दी थी कि वह जल्द जेल से बाहर आएंगे। सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि अंग्रेजों को भी अपनी सत्ता का बहुत घमंड था। अंग्रेज भी झूठे आरोप लगाकर लोगों को जेल में बंद करते थे। अंग्रेजों ने गांधी-मंडेला को भी जेल में डाला। अंग्रेज शासकों की तानाशाही के बावजूद आजादी का सपना साकार हुआ।
निचली अदालत से खारिज हुई थी सिसोदिया की जमानत याचिका
निचली अदालत ने 2021-22 की आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और धन-शोधन मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।