Hardik Pandya Brother Cheating: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और उनके भाई क्रुणाल पांड्या से उनके सौतेले भाई द्वारा करोड़ों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। मामले की शिकायत के बाद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने आरोपी सौतेले भाई वैभव पांड्या को गत 8 अप्रैल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे 12 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस अब उससे पूछताछ कर मामले का खुलासा करने में जुटी है। एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
Hardik Pandya Brother Cheating: अधिकारी ने बताया, सौतेले भाई ने कैसे की ठगी
अधिकारी ने कहा कि क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने अपने सौतेले भाई के साथ मिलकर मुंबई में एक साझेदारी-आधारित इकाई की स्थापना कर 2021 में पॉलिमर व्यवसाय शुरू किया था। साझेदारी की शर्तों के अनुसार हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या ने 40. 40 प्रतिशत का निवेश किया, जबकि वैभव ने 20 प्रतिशत पूंजी का निवेश किया।
यह निर्णय लिया गया कि वैभव व्यवसाय के दैनिक परिचालन को संभालेंगे और मुनाफा उसी अनुपात में वितरित किया जाएगा। इसके बाद वैभव ने हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या को बताए बिना, उसी व्यवसाय में काम करने वाली एक और इकाई स्थापित की और व्यवसाय शुरू कर दिया। इसके साथ ही उसने साझेदारी आधारित समझौते का उल्लंघन किया।
Hardik Pandya Brother Cheating: हार्दिक पांड्या और कुणाल पांड्या को 3 करोड़ का हुआ नुकसान
अधिकारी ने कहा कि नई इकाई के कारण साझेदारी वाली इकाई का मुनाफा कम हो गया, जिससे लगभग तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस दौरान वैभव अपना मुनाफा 20 से 33 फीसदी तक बढ़ा लिया, जिससे हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या को नुकसान हुआ। वैभव ने साझेदारी खाते से लगभग एक करोड़ की धनराशि भी अपने खाते में स्थानांतरित कर ली। जब क्रिकेटर बंधुओं ने इस संबंध में वैभव से सवाल जवाब किया तो उसने कथित तौर पर हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या की प्रतिष्ठा खराब करने की धमकी दी।
Hardik Pandya Brother Cheating: अपराध में शामिल पाए जाने पर वैभव को EOW ने किया गिरफ्तार
बता दें, कि क्रिकेटर के अकाउंटेंट ने सोमवार को खार पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया और इसे ईओडब्ल्यू को स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं अपराध में वैभव पांड्या की संलिप्तता सामने आने के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद यहां से उसे एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे शुक्रवार यानि आज तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
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