सरायकेला : सिंहभूम संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी और सांसद गीता कोड़ा (Geeta Koda election campaign) के काफिले पर हमला हुआ है। रविवार को सरायकेला जिला के गम्हरिया प्रखंड स्थित विभिन्न गांव का चुनावी दौरा कर रही थीं। इसी दौरान बुरुडीह गांव में उनके काफिला को ग्रामीणों ने रोक लिया और इस बात को लेकर विरोध करने लगे कि वह पिछले 5 वर्षों से कहां थीं। इसी तरह उनका काफिला जैसे ही क्षेत्र के मोहनपुर गांव पहुंचा, वहां भी ग्रामीण पहले से उनके विरोध को तैयार थे।
वे हाथ में पारंपरिक हथियार तीर-धनुष के साथ गीता कोड़ा का विरोध करने लगे। उनके काफिला को रोक दिया गया। जब उनके समर्थक ग्रामीणों से बात करने के लिए अपने गाड़ी से उतरे तो ग्रामीणों ने अचानक उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
दो महिला कार्यकर्ता, सांसद के पीए गणेश और भाजपा नेता रमेश हांसदा के साथ मारपीट की गई। इस घटना में भाजपा के चार कार्यकर्ताओं को चोट लगी है। ग्रामीणों ने इस दौरान गीता कोड़ा को करीब तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। हालांकि विरोध के दौरान गीता कोड़ा लगातार ग्रामीणों से बात करने का प्रयास कर रही थीं। उनकी समस्याओं को सुनने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। वे गीता कोड़ा वापस जाओ के नारे लगा रहे थे।
पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप से निकलीं गीता कोड़ा
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंची। इस दौरान गीता कोड़ा काफी चिंतित दिखाई दीं। प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस के साथ भी ग्रामीणों की नोंकझोंक होती रही। काफी मनाने के बाद ग्रामीणों ने नारा लगाते हुए गीता के काफिला को जाने दिया। गीता कोड़ा समेत भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़ा किए कि तीन घंटे तक ग्रामीण बंधक बना कर रखते हैं और प्रशासन को सूचना होने के बाद भी देर से पहुंचती है। बताया जाता है कि गीता कोड़ा पूरे मामले को लेकर गम्हरिया थाना में मामला दर्ज करा रही हैं।
मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के इशारे पर किया गया हमला : गीता कोड़ा
इस पूरे मामले पर गीता कोड़ा ने मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सुनियोजित ढंग से विरोध कराया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक महिला प्रत्याशी से डर गए हैं, इसलिए महिलाओं पर हमला करा रहे हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है। लोकतंत्र में कोई भी चुनावी दौरा कर सकता है, किसी ग्रामीण क्षेत्र में जा सकता है, लेकिन इस तरह से सुनियोजित ढंग से मुख्यमंत्री ने अपने जेएमएम कार्यकर्ताओं से विरोध कराया है।
लोकतंत्र पर झामुमो का हमला : मधु कोड़ा
घटना की जानकारी मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरी घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से एक प्रत्याशी अपने क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए निकली है। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के इशारे पर उनके कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन करना कहीं ना कहीं पूरी तरह साजिश है। मधु कोड़ा ने कहा कि जिस तरीके से हथियारों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया और महिलाओं पर हमला किया, मारपीट की गई, यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं यह पूरे तरीके से गीता कोड़ा को जान से मारने की नीयत से ऐसा विरोध प्रदर्शन कराया गया।
घटना पर बाबूलाल मरांडी ने दी प्रतिक्रिया
गीता कोड़ा के काफिले पर हुए हमले की घटना को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि “लोकसभा चुनाव में अपनी हार निश्चित देखकर हताशा में झामुमो कार्यकर्ताओं ने आज प्रचार के दौरान सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा एवं उनके समर्थकों को घेरकर क्षति पहुंचाने का प्रयास किया है।
हैरानी की बात है कि, मुख्यमंत्री के गृह जिला में रहने के बावजूद प्रशासन सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रहा है।
@jharkhandpolice के डीजीपी तत्काल मामले का संज्ञान लेकर दुस्साहस करने वाले लोगों पर अविलंब कारवाई सुनिश्चित करें।”
लोकसभा चुनाव में अपनी हार निश्चित देखकर हताशा में झामुमो कार्यकर्ताओं ने आज प्रचार के दौरान सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी श्रीमती गीता कोड़ा जी एवं उनके समर्थकों को घेरकर क्षति पहुंचाने का प्रयास किया है।
हैरानी की बात है कि, मुख्यमंत्री के गृह जिला में रहने के… pic.twitter.com/8Vk4jsmnTL
— Babulal Marandi (Modi Ka Parivar) (@yourBabulal) April 14, 2024