धनबाद/Dhanbad Maszid Aag: पुराना बाजार स्थिति मस्जिद मार्केट में रविवार की अहले सुबह तीन से चार बजे के बीच आग लग गई। इस आग के कारण यहां की छोटी-बड़ी कुल 15 दुकानें जलकर राख हो गई। जब तक आग पर काबू पाया जा सकता तब तक छह दुकानें पूरी तरह से जलकर रखा हो चुकी थीं। मस्जिद मार्केट में कुल 300 दुकानें हैं, हालांकि शेष दुकानों को कोई क्षति नहीं हुई है।
हलांकि आग लगने के कारणों को लेकर दो तरह की बातें कहीं जा रही हैं। कोई इसे साजिश बता रहा है तो कोई इसे दुर्घटना। जिन लोगों की दुकानों को आग से नुकसान हुआ है उनमें राजकुमार यादव, पप्पू की दो दुकान, हरी साव, बिट्टू, सोनू, महादेव, रामकुमार समेत अन्य शामिल हैं।
Dhanbad Maszid Aag: ठीक स्टेशन के पास है घटना स्थल, एक दीवार का फर्क
मस्जिद मार्केट में जहां आग लगी है क्षेत्र धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या सात से सटा हुआ है। बाजार और प्लेटफार्म के बीच में महज 15 इंच की एक दीवार है। यहां की दुकानें लोहा शीट और प्लास्टिक से बनी हुई हैं। यही कारण है कि आग तेजी से फैल गई और कुल 15 दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। यहां घड़ी, चश्मा, मोबाइल फोन के सामान, लाइट आदि की दुकानें हैं। कुछ कपड़े की भी दुकानें हैं हालांकि उनका बाहरी भाग ही आग की चपेट में आया है।
Dhanbad Maszid Aag : शोर होने पर पहुंचे लोग
घटना स्थल के ठीक पीछे एक मुन्नी नामक एक महिला रहती है। आग की लपटें देख उसने शोर मचाना शुरू किया। दुकानों के आसपास रेलवे क्वार्टर हैं। यहां रहने वालों को मुन्नी ने जगाया। शोर होते ही स्थानीय लोग और काफी संख्या में कुली वहां पहुंचे। इसके बाद आग पर काबू पाया गया।
पांच लाख की क्षति का अनुमान : बिट्टू नामक एक पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उनके दुकान में रखा करीब 50 हजार रुपये का सामान जल गया। दुकान भी पूरी तरह से जल चुकी है। उन्हें कुल एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसी प्रकार से अन्य लोगों ने भी 25 हजार से लेकर 75 हजार रुपये तक की क्षति होने की बात कही है। एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच लाख रुपये तक की क्षति हुई है।
आग लगने के कारणों पर असमंजस
बिट्टू ने बताया कि रात नौ बजे के बाद यहां की सारी दुकानों बंद हो जाती हैं। दुकानों में बिजली सप्लाई का कार्य जनरेटर के माध्यम से किया जाता है। ऐसे में रात नौ बजे के बाद यहां शार्ट सर्किट होने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि दुकानें बंद होने के बाद नशेड़ियों व असमाजिकतत्वों का यहां बैठकी होती है। उन्होंने आग लगाने की बात कही। लोगों ने बताया कि रात दो बजे के आसपास बड़ी ही तेज आंधी और बारिश हो रही थी। बिजली भी गुल हो चुकी थी। ऐसे में बिजली की चिंगारी भी उठने का सवाल नहीं उठता।
लोगों की सक्रियता से टला बड़ा हादसा
यहां की सभी दुकानों के आगे प्लास्टिक लगाया हुआ है। आग इन्हीं प्लास्टिक के कारण तेजी से फैली और एक दर्जन से अधिक दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। आग बुझाने के लिए लोगों ने सबसे पहले अन्य दुकानों की प्लास्टिक को फाड़ कर हटा दिया। इस कारण आग शेष दुकानों तक नहीं पहुंच सकी।