जामताड़ा/Cyber Thagi: जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर ठग साउथ के राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए यू-ट्यूब व गूगल ट्रांसलेटर का सहारा ले रहे थे। ये शातिर कन्नड़, मलयाली, तमिल व तेलगू समेत अन्य भाषाओं में बात करने और मैसेज के लिए यू-ट्यूब के साथ गूगल ट्रांसलेटर के सहारे अपनी ठगी के तरीकों व शब्दों को हिंदी से उन भाषाओं में ट्रांसलेट करते और वहां के लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगी का शिकार बना रहे थे।
पुलिस टीम ने छापेमारी के दौरान चार शातिरों को दबोचा है। ये शातिर लोगों को क्रेडिट व डेबिट कार्ड लेने और इनके केवाईसी अपडेट के नाम पर झांसे में ले रहे थे।
इस बात की जानकारी साइबर डीएसपी अशोक कुमार राम ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दी। डीएसपी ने बताया कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि ये शातिर इन दिनाें करमाटांड़ के विभिन्न गांवों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। थाना प्रभारी अब्दुल रहमान की अगुवाई में पुलिस टीम ने करमाटांड़ के नवाडीह गांव से अबुल कलाम और बरमुंडी गांव से सद्दाम अंसारी, नाजिर अंसारी और हुसैन अंसारी को रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से 22 मोबाइल और 30 अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड भी जब्त हुए हैं। सभी आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।
Cyber Thagi: शातिरों के पास ठगी का है पुराना अनुभव, पुलिस से उलझते रहे घरवाले
विश्वस्त पुलिस सूत्रों के अनुसार ये शातिर काफी समय से साइबर ठगी के धंधे में संलिप्त हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम को इन्हें पकड़ने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। कभी इन शातिरों के घरों की महिलाओं ने छापेमारी में अवरोध डालने का प्रयास किया तो कभी ये पुलिस को चकमा देकर पड़ोस के घरों में जा छिपे। टीम के साथ मौजूद महिला पुलिस बल के सहयोग से इन शातिरों को काफी देर तक मशक्कत के बाद काबू किया जा सका। पुलिस टीम इनके पुराने क्राइम रिकार्ड भी खंगालने में जुटी है।