नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव (Baba Ramdev) और उनके सहयोगी बालकृष्ण को पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण दोनों मौजूद थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी का संज्ञान लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि इस स्तर पर हमने रियायत देने का फैसला नहीं किया है। पीठ ने बालकृष्ण से बातचीत करते हुए उनसे कहा, ‘आप अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन आप एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।’
रामदेव बोले- भूल हुई, बिना शर्त माफी मांगते हैं (Baba Ramdev)
बाबा रामदेव ने कोर्ट से कहा कि वह सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि जो भी उनसे भूल हुई, उसके लिए उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर उन्होंने कहा कि उत्साह में हो गया और ऐसा नहीं करना चाहिए था, वह आगे से याद रखेंगे। उन्होंने कहा कि कभी भी उनका मकसद सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना नहीं था। उन्होंने कहा कि वे अपनी बात को उचित नहीं ठहरा रहे, बल्कि माफी मांग रहे हैं।
सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार
मंगलवार (15 अप्रैल) को हुई सुनवाई के दौरान भी पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक रामदेव और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण मौजूद रहे। इस दौरान हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की पीठ ने फटकार लगाते हुए रामदेव से कहा कि वह “इतने निर्दोष नहीं” हैं। पतंजलि के वकील ने कोर्ट से कहा कि वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हैं। जिस पर कोर्ट ने कहा कि हम बाबा रामदेव को सुनना चाहते हैं। कोर्ट ने उनके “गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” के लिए भी उनकी आलोचना की।
उस समय हमने जो किया, वह सही नहीं था
जस्टिस हिमा कोहली ने बाबा रामदेव से सवाल किया कि क्या आपने जो कुछ किया है वह सही है? इसपर बाबा रामदेव ने जवाब दिया, “हमसे जो भूल हुई है उसके लिए हमने बिना शर्त माफी मांगी है। उस समय हमने जो किया वह सही नहीं था।” रामदेव ने भी पीठ से कहा कि उनका किसी भी तरह से अदालत के प्रति अनादर दिखाने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने बालकृष्ण से कहा कि वे (पतंजलि) इतने सीधे साधे नहीं हैं कि उन्हें नहीं पता कि शीर्ष अदालत ने मामले में अपने पहले के आदेशों में क्या कहा था।
रामदेव और बालकृष्ण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ से कहा, “मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को तैयार हूं।” शीर्ष अदालत ने कक्ष में मौजूद रामदेव और बालकृष्ण को पीठ के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा। पीठ ने कहा, ”उन्हें महसूस होना चाहिए कि उनका अदालत से जुड़ाव है।”
भ्रामक विज्ञापन का है मामला
योग गुरु और उद्यमी रामदेव नई दिल्ली में पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ दायर भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को खुद पेश हुए थे। इस दौरान सुप्रीम अदालत में मौजूद रामदेव और बालकृष्ण को पीठ के साथ बातचीत के लिए आगे आने को कहा। इसके बाद पीठ ने कहा कि उन्हें महसूस करना चाहिए कि उनके मामले में सुनवाई चल रही है।
इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण ने अपने उत्पादों की औषधीय गुण और उसके असर के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाली कंपनी द्वारा जारी विज्ञापनों पर शीर्ष अदालत के सामने बिना शर्त माफी मांगी। इसके साथ ही अदालत में दायर दो अलग-अलग हलफनामे में रामदेव और बालकृष्ण ने शीर्ष अदालत के पिछले साल 21 नवंबर के आदेश के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगी।
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