एर्नाकुलम: केरल के एर्नाकुलम में रविवार की सुबह एक कन्वेंशन सेंटर में हुए ब्लास्ट में अब तक कुल तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार की सुबह विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुई 12 साल की एक बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बच्ची एर्नाकुलम जिले के मलयट्टूर की रहने वाली है जिसका नाम लिबिना है। वह इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। सोमवार को कलामासेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जब लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया था उस समय उसके शरीर का 95 प्रतिशत हिस्सा जल गया था।
बेंटिलेटर सपोर्ट पर थी बच्ची: मिली जानकारी के अनुसार बच्ची की स्थिति को गंभीर देखते हुए डाक्टरों ने उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा था। बावजूद इसके बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती गई और उसकी मृत्यु हो गई। कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोटों में यह तीसरी मौत है। रविवार को इस सभा में शामिल दो महिलाओं की जान चली गई थी।
विष्फोट में किया गया आईईडी का इस्तेमाल:
केरल के DGP डॉ. शेख दरवेश की मानें तो जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर विस्फोट के प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि IED उपकरण के जरिए विष्फोट किया गया। उन्होंने कहा हम इसकी जांच कर रहे हैं। जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमले में घायल हुए 52 लोगों का इलाज चल रहा है।
प्रार्थना सभा के दौरान हुआ था विष्फोट:
पुलिस की ओर से बताया गया किजमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर में रविवार को तीन दिवसीय प्रार्थना सभा का आखिरी दिन था। अधिकारियों के मुताबिक, जिस वक्त यह धमाके हुए उस दौरान प्रार्थना सभा में करीब दो हजार लोग जुटे थे। जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए, जहां अल्पसंख्यक ईसाई समूह, यहोवा के साक्षी, के अनुयायी तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के अंतिम दिन के लिए एकत्र हुए थे। इस विस्फोट के बाद एक व्यक्ति ने केरल के त्रिशूर जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था और कहा था कि उसने इन विस्फोटों को अंजाम दिया है।