रांची/Satyanand Bhokta : इस साल जून महीने के बाद 20,000 युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है। साथ ही झारखंड राज्य के सभी 264 प्रखंडों में प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ने की सरकार और विभाग की योजना है। उक्त बातें मंगलवार को श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहीं।
वे मंगलवार को रांची के रेडिशन ब्लू में देश के विभिन्न शहरों में स्थापित किए गए “प्रवासन सहायता केंद्रों” के ऑनलाइन उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि मंगलवार को झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी (श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखंड सरकार) के अंतर्गत संचालित ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ के तहत देश के विभिन्न शहरों में स्थापित किए गए “प्रवासन सहायता केंद्रों” का ऑनलाइन उद्धाटन श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री, झारखंड सरकार सत्यानंद भोक्ता ने रांची के रेडिसन ब्लू में किया।
इस मौके पर मुकेश कुमार, सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, प्रवीण कुमार टोप्पो, सचिव, उद्योग विभाग, संजीव कुमार बेसरा, श्रम आयुक्त सह मिशन निदेशक, झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी मौजूद थे।
Satyanand Bhokta : देशभर में खुले आठ प्रवासन सहायता केंद्र
देश के 8 शहरों में स्थापित किए गए “प्रवासन सहायता केंद्रों” में नई दिल्ली, नीमराना (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (आंध्र प्रदेश), बंगलुरू (कर्नाटक), चेन्नई (तमिलनाडु), तिरुप्पुर (तमिलनाडु) शामिल हैं। इन “प्रवासन सहायता केंद्रों” में झारखंड राज्य के प्रवासी कामगारों को हर प्रकार की सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। “प्रवासन सहायता केंद्रों” में कामगारों के लिए एक माह तक भोजन एवं आवास की नि:शुल्क सुविधा होगी। साथ ही करियर काउंसलिंग, चिकित्सा सुविधा एवं आपातकालीन स्थितियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
लेह-लद्दाख में भी प्रवासन सहायता केंद्र खोलने का ऐलान
मंत्री ने अपने अभिभाषण के दौरान श्रम विभाग को सलाह देते हुए कहा कि वर्तमान 8 शहरों की तरह लेह-लद्दाख में भी “प्रवासन सहायता केंद्र” स्थापित किए जाएं, क्योंकि झारखंड के प्रवासी मजदूर काफी संख्या में रोजगार के लिए वहां जाते हैं। मंत्री ने कहा, “इस साल जून महीने के बाद 20,000 युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है।” उन्होंने कहा कि सुदूर गांव और क्षेत्र में रहने वाले सभी युवाओं के लिए परिस्थितियां ऐसी नहीं होतीं कि वे जिला मुख्यालय आकर प्रशिक्षण प्राप्त करें, इसलिए राज्य के सभी 264 प्रखंडों में प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ने की सरकार और विभाग की योजना है।
प्रवासी कामगारों के लिए सपोर्ट सिस्टम ये केंद्र
मुकेश कुमार, सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखण्ड सरकार ने अपने संबोधन में कहा, “रोजगार के लिए राज्य से बाहर जाने वाले युवाओं और कामगारों के लिए प्रवासन सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रवासन सहायता केंद्रों के रूप में श्रम विभाग की यह पहल अपने युवाओं को दूसरे राज्यों में भी अपने राज्य और घर जैसा माहौल देने की कोशिश है। प्रवासन सहायता केन्द्र सिर्फ भोजन और आवास के बारे में नहीं है, बल्कि प्रवासी कामगारों के लिए पूरा सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है।”
वहीं, प्रवीण कुमार टोप्पो, सचिव, उद्योग विभाग ने कहा, “प्रवासन सहायता केन्द्र सभी प्रवासी मजदूरों के लिए सूचना और सहायता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
स्किल्ड पर्सन पावर के निर्माण में बहुत लाभदायक होगा।” जबकि संजीव कुमार बेसरा, श्रम आयुक्त सह मिशन निदेशक, झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी ने कहा, “झारखंड के प्रवासी कामगारों को नए शहर, नई जगह पर भाषा, रहन-सहन, खानपान, को लेकर परेशानियों का सामना न करना पड़े, इसलिए “प्रवासन सहायता केन्द्र” स्थापित किए गए हैं।”
श्रम मंत्री ने केंद्र में रह रहे प्रवासी मजदूरों से की बात
इस दौरान श्रम मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर “प्रवासन सहायता केन्द्र” में रह रहे प्रवासी युवतियों से बातचीत की और अधिकारियों से जानकारी ली। कार्यक्रम में नियोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय से उप निदेशक, श्रीकांत मिश्रा, उप निदेशक देवेन्द्र प्रसाद, सहायक निदेशक अंजु अग्रवाल, नियोजन पदाधिकारी पंकज कुमार गिरि, अजीत कुमार पन्ना, जेएलसी,
राकेश प्रसाद, जेएलसी, धनंजय कुमार सिंह, जेएलसी, राजेश प्रसाद, जेएलसी, जेएसडीएमएस से मैनेजर ऑपरेशंस, विश्वरूप ठाकुर, मैनेजर फाइनेंस, राजन श्रीवास्तव, मैनेजर प्लेसमेंट, विनय कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर यूएनडीपी, राजीव खरे, दिनेश भगत, जिला कौशल पदाधिकारी लोहरदगा, अविनाश कुमार, जिला कौशल पदाधिकारी, रांची, प्रतिनिधि जेएसडीएमएस एवं यूएनडीपी शामिल हुए।
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