नई दिल्ली: Raymond ग्रुप के चेयरमैन गौतम सिंघानिया का अपनी पत्नी नवाज मोदी के साथ चल रहा विवाद में अब एक नया मोड़ आया है। नवाज मोदी को रेमंड ग्रुप की तीन कंपनियों ने अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है। रेमंड समूह की तीन निजी कंपनियों, जेके इन्वेस्टर्स, रेमंड कंज्यूमर केयर और स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व ने एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जेनरल मीटिंग के माध्यम से नवाज मोदी-सिंघानिया को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है।
नवाज मोदी-सिंघानिया ने इन दो कंपनियों से उन्हें हटाने के खिलाफ उनके बोर्ड से संपर्क किया था। रेमंड समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी के बीच तलाक समझौता विफल होने के महीनों बाद नवाज मोदी ने दावा किया कि गौतम सिंघानिया की ओर से उन्हें निदेशक मंडल से हटाने के लिए बोली लगाई गई थी।
Raymond: इन कंपनियों में नियुक्त किया गया था निदेशक
वहीं, जून,2015 में जेकेआई में, दिसंबर 2020 में आरसीसीएल में और अक्टूबर, 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व में निदेशक नियुक्त किया गया था। नवाज मोदी को जब पता चला कि उन्हें इन कंपनियों से हटा दिया गया है, तो वह स्मार्ट एडवाइजरी और फिनसर्व और रेमंड कंज्यूमर केयर के बोर्ड के सामने पेश हुईं। मोदी-सिंघानिया ने मुंबई में रेमंड कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कहा, जब से मैं सिंघानिया के कुकर्मों को उजागर कर रही हूं, तब से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
मीडिया को नवाज मोदी ने कहा कि वे मुझे हटाने के लिए अमान्य आधार हैं।
नवाज मोदी का पति पर गंभीर आरोप
मीडिया से बात करते हुए नवाज मोदी ने कहा कि डॉ विजयपत सिंधानिया ने कहा कि मुझे संपत्ति का कुल 50 फीसदी मिलना चाहिए, लेकिन नवाज मोदी का कहना है कि 25 फीसदी हिस्सा ही चाहिए। बाकी 25 फीसदी बेटी निहारिका और 25 फीसदी बेटी निशा के लिए चाहिए। नवाज मोदी ने एक गंभीर आरोप लगाया कि कंपनी फंड का यूज सिंघानिया के निजी फायदे के लिए कर रही है।
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