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क्या होता है ब्लैक होल? जानिए इससे जुड़े रहस्यों के बारे में

by Rakesh Pandey
Black Hole Science
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स्पेशल डेस्क : ब्लैक होल (Black Hole Science) इन दिनों सुर्खियों में है। माना जाता है कि ब्लैक होल अंतरिक्ष में सबसे अजीब और सबसे आकर्षक वस्तुओं में से कुछ हैं। वे अत्यंत सघन हैं, उनका गुरुत्वाकर्षण आकर्षण इतना प्रबल है कि प्रकाश भी उनकी पकड़ से बच नहीं सकता। ब्लैक होल की पहली छवि 2019 में इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) सहयोग द्वारा कैप्चर की गई थी। पृथ्वी से 55 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर M87 आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल की आकर्षक तस्वीर ने दुनिया भर के वैज्ञानिकों को रोमांचित कर दिया।

(Black Hole Science) ब्लैक होल क्या है?

ब्लैक होल अंतरिक्ष में एक ऐसी जगह है, जहां गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि प्रकाश भी बाहर नहीं निकल पाता है। ब्लैक होल अदृश्य होते हैं, जिन्हें विशेष उपकरणों जैसे कि स्पेस टेलीस्कोप की मदद से आस-पास के दृश्य निकायों के असामान्य व्यवहार को देखकर ही पता लगाया जा सकता है। ब्लैक होल स्पेस में वह जगह है, जहां फिजिक्स का कोई नियम काम नहीं करता। मतलब समय और स्थान का कोई मतलब नहीं है। यहां बस गुरुत्वाकर्षण और अंधकार है।

Black Hole Science

(Black Hole Science) इसका गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसके खिंचाव से यह प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है। मतलब यह कि इसमें जो भी डाला, वह बाहर नहीं निकलेगा। आसान भाषा में, जब हम किसी टॉर्च से प्रकाश डालते हैं, तो वह प्रकाश रिफ्लेक्ट होकर हमारी आंखों पर आता है। तभी वह चीज हमें दिखाई देती है, लेकिन यदि मान लें कि प्रकाश वापस लौट कर ही नहीं आया तो वह जगह ब्लैक होल हो सकता है। ऐसा ही स्पेस में होता है।

ब्लैक होल कैसे बनता है?

अधिकांश ब्लैक होल एक बड़े तारे के अवशेषों से बनते हैं, जो सुपरनोवा विस्फोट में मर जाते हैं। छोटे तारे घने न्यूट्रॉन तारे बन जाते हैं, जो प्रकाश को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है, तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है। (Black Hole Science) धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बड़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचाकर अंदर चला जाता है।

वह सब कुछ अपने में निगलने लगता है। इसके प्रभाव क्षेत्र को ही ‘इवेंट हॉराइजन’ कहते हैं। किसी भी चीज का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है।

ब्लैक होल से भरा है ब्रह्मांड

ब्रह्मांड ब्लैक होल से भरा है। पिछले दशक में वैज्ञानिकों ने उनके टकराव के संकेतों का पता लगाया है और उनके चारों ओर घूम रही गैस से प्रकाश की तस्वीरें ली हैं। इससे ब्रह्मांड के बारे में कई चीजें सीखने में मदद मिली है। उदाहरण के लिए, ब्लैक होल ने हमें आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत का परीक्षण करने में मदद की है, जो बताता है कि द्रव्यमान, स्थान और समय एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं।

वैज्ञानिकों को लगता है कि वे हमें इनके और ब्रह्मांड के अन्य आवश्यक नियमों के बारे में और भी बहुत कुछ बता सकते हैं और अधिक व्यक्तिगत स्तर पर हमारी अपनी आकाशगंगा के केंद्र में स्थित महाविशाल ब्लैक होल ने पृथ्वी के यहां आने में भूमिका निभाई होगी।

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