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Bird Flu in Gorakhpur Zoo: बाघिन, तेंदुए के शावक और हिमालयन गिद्ध संक्रमित पाए गए

5 मई को भेड़िया भैरवी और 7 मई को बाघिन शक्ति की मौतें एक जैसे लक्षणों के साथ हुई थीं। इनकी जांच रिपोर्ट ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की। इसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परिसर के अन्य वन्यजीवों के भी नमूने जाँच के लिए भेजे।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (Gorakhpur Zoo) में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हुई है। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान से आई रिपोर्ट में बाघिन मैलानी, तेंदुए के दो शावक, हिमालयन गिद्ध और तीन कौओं में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) की पुष्टि की गई है।

कौओं से फैला संक्रमण, शहर में अलर्ट

चिड़ियाघर प्रशासन ने 15 मई को 35 वन्यजीवों के नमूने जांच के लिए भोपाल भेजे थे, जिसमें मृत पाए गए तीन कौओं समेत सात में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का खतरा सामने आया हो, लेकिन कौओं के जरिए संक्रमण का फैलना एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गया है।

बाघिन और भेड़िए की मौत से हुआ संदेह

5 मई को भेड़िया भैरवी और 7 मई को बाघिन शक्ति की मौतें एक जैसे लक्षणों के साथ हुई थीं। इनकी जांच रिपोर्ट ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की। इसके बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परिसर के अन्य वन्यजीवों के भी नमूने जाँच के लिए भेजे।

IVRI बरेली और भोपाल लैब की है विशेष भूमिका

बरेली की IVRI (Indian Veterinary Research Institute) टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत कौओं के संपर्क में आए अन्य वन्यजीवों के भी नमूने लिए। सभी नमूनों को राष्ट्रीय उच्च पशु संस्थान, भोपाल भेजा गया।

चिड़ियाघर निदेशक ने दी जानकारी

चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव के अनुसार, शुक्रवार सुबह मिली रिपोर्ट में तीन कौओं समेत कुल सात वन्यजीवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि बाकी सभी की रिपोर्ट निगेटिव है। इससे यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि संक्रमण की शुरुआत कौओं से हुई।

7 दिन में खत्म हो सकता है वायरस

चिड़ियाघर के चिकित्सकों का कहना है कि बर्ड फ्लू वायरस आमतौर पर 7 दिनों में खत्म हो जाता है, लेकिन स्थिति को लेकर सतर्कता जरूरी है। प्रशासन ने फैसला लिया है कि एक बार फिर सभी संक्रमित वन्यजीवों के नमूने जाँच के लिए भोपाल भेजे जाएंगे।

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