मुंबई: टेस्ला ने अपने ग्लोबल ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स खरीदने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक समझौते (TATA Tesla deal) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस डेवलपमेंट से जुड़े कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया में ऐसी खबर दी है।
क्या है समझौता (TATA Tesla deal)
सेमीकंडक्टर बिजनेस में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है। इसी के बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेस्ला के बीच यह समझौता हुआ है। यह समझौता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे टाटा को शीर्ष स्तरीय वैश्विक ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित होने का अवसर मिलेगा। साथ ही सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में भारत का भी नाम जुड़ जाएगा।
भारत आने की इच्छुक है टेस्ला
टेस्ला लंबे समय से भारत आने की इच्छा जाहिर कर रही है और हाल ही में आई सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति के बाद उसके लिए भारतीय बाजार के रास्ते भी खुल गए हैं। इसी महीने टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क भारत आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे कयास हैं कि वो इस दौरान भारत में अपने निवेश की भी घोषणा करेंगे। अनुमान है कि टेस्ला भारत में उत्पादन संयंत्र स्थापित करेगी।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और टेस्ला के बीच डील की क्या शर्तें हैं, इसका खुलासा नहीं किया गया है। दोनों कंपनियों ने इस डील पर अब तक कोई बयान जारी नहीं किया है। इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक चंडक ने इस खबर पर पर कहा यह डील बेहद महत्वपूर्ण है। टेस्ला का यह फैसला इलेक्ट्रानिक्स के स्थानीय आपूर्तिकर्ता के लिए इकोसिस्टम विकसित करेगा, जो किसी एक बाजार पर निर्भरता खत्म करने वाला है।
एलन मस्क की भारत यात्रा
एलन मस्क ने 21 और 22 अप्रैल को भारत यात्रा कन्फर्म की है। इस दौरान वह पीएम मोदी से मिलने और देश में स्टारलिंक सेवा के शुभारंभ समेत प्रमुख घोषणाएं कर सकते हैं और 2 बिलियन डॉलर से 3 बिलियन डॉलर के बीच निवेश करने की योजना बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अब तक देश में सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश कर चुकी है।
यह सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों को दुनिया भर से बुला रही है। टाटा आने वाले कुछ सालों में भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र की सबसे अग्रणी कंपनी बनने के प्रयास में है। टेस्ला के टाटा से समझौता करने के पीछे उसकी चीन पर निर्भरता को भी कारण माना जा रहा है। टेस्ला अधिकांश सामान चीन से आयात करती है।
हालांकि, कोविड महामारी के बाद से उसने अपने स्रोतों को बढ़ाना चालू कर दिया है। इसी क्रम में उसने भारत से भी सेमीकंडक्टर खरीदने की योजना बनाई है।
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